पीएम मोदी ने मेहनत और ईमानदारी की बात की, कांग्रेस बोली भीख मांगना नौकरी
पीएम मोदी ने पकौड़े बेचने को रोजगार कहा तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इसकी तुलना भीख मांगने से कर दी, कहा कि भीख मांगना भी रोजगार है।
New Delhi, Jan 28: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में रोजगार का वादा किया था, हर साल नई नौकरी का दावा किया था। सरकार में रहते हुए साढ़े तीन साल बाद पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जो शख्स मेहनत से ईमानदारी से पैसे कमाता है, उसको सलाम करते हैं। उन्होंने कहा था कि पकौड़े बेचना भी रोजगार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा था कि पकौड़े बेचने वाला श्रम करता है, इज्जत से पैसे कमाता है, मोदी की ये बात कांग्रेसियों को पसंद नहीं आई, मेहनत और श्रम की बात शायद कांग्रेस के नेताओं को समझ नहीं आती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी पर इसी बयान को लेकर निशाना साधा है,
मजे की बात ये है कि चिदंबरम ने पीएम मोदी पर हमला करने के लिए जिस से पकौड़े बेटने की तुलना की है, उसके कारण वो ट्रोल हो रहे हैं। चिदंबरम ने कहा कि मोदी के मुताबिक पकौड़ा बेचना रोजगार है तो इस हिसाब से भीख मांगना भी रोजगार है। भीख मांगने वाला भी मेहनत करता है, ट्वीटर के जरिए चिदंबरम ने मोदी सरकार पर ये हमला किया, उन्होंने लिखा कि रोजगार के अवसर पैदा करने में मोदी सरकार विफल रही है। मोदी सरकार को कुछ समझ नहीं आ रहा है, इसलिए इस तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। पकौड़े बेचने की तुलना भीख मांगने से करके चिदंबरम ने दिखा दिया कि उनकी निगाह में इज्जत से पैसे कमाने की क्या कीमत है।
एक ट्वीट में चिदंबरम ने लिखा कि पकौड़ा बेचना एक नौकरी है, पीएम मोदी के इस तर्क के हिसाब से भीख मांगना भी जॉब है। चिदंबरम ने कहा कि जो लोग मजबूरी में भीख मांगते हैं उनको नौकरी वालों की लिस्ट में शामिल कर लेना चाहिए। बता दें कि हालिया एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि अगर कोई आदमी पकौड़े बेचकर 200 रूपये घर ले कर जाता है तो क्या वो रोजगार नहीं है। इसी पर चिदंबरम ने निशाना साधा है। हालांकि ये अलग बात है कि कांग्रेस के दूसरे नेता इस पर बयान देने से बच रहे हैं। शायद उनको अंदाजा हो गया है कि इस पर कुछ भी बोलना पार्टी के खिलाफ चला जाएगा। लेकिन चिदंबरम खुद को नहीं रोक पाए, उन्होंने मनरेगा को लेकर मोदी के एक मंत्री के बयान पर भी निशाना साधा।
चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के एक मंत्री कहते हैं कि मनरेगा मजदूरों को भी नौकरी करने वालों में गिनना चाहिए। वो ये भूल गए कि अगर वो नौकरी है तो केवल 100 दिनों के लिए है. बाकी के 265 दिन वो बेरोजगार रहते हैं।कुल मिलाकर चिदंबरम ने नौकरी देने में विफल रही मोदी सरकार पर हमला किया है, वैसे इस मोर्चे पर देखा जाए तो मोदी सरकार ने निराश किया है, अभी तक वो रोजगार देने के अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है। अगर इस पर काम नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव में मोदी सरकार को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. कांग्रेस इसी को भुनाने में लगी हुई है। हालांकि मोदी सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि आर्थिक हालात ठीक हो रहे हैं जल्द ही नई नौकरियां निकलेंगी।