STF करेगी कासगंज हिंसा की जांच, ‘एकतरफा वीडियो’ ने सोशल मीडिया पर मचाया बवाल
कासगंज हिंसा की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंप दिया गया है। इस बीच कुछ नए वीडियो भी सामने आए हैं। जिस पर बवाल मचा हुआ है।
New Delhi Jan 31 : कासगंज हिंसा की जांच जारी है। कासगंज हिंसा के लिए यूपी सरकार की ओर से एसआईटी का गठन पहले से ही किया जा चुका है। इसके साथ ही अब एसटीएफ को भी इस केस में लगा दिया गया है। जो पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इस बीच सोशल मीडिया पर कासगंज हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। लेकिन, इन वीडियो को एकतरफा बताया जा रहा है। एक वीडियो में बाइक सवार युवक नारेबाजी करते हुए तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। जबकि दूसरे वीडियो में पथराव और फायरिंग की तस्वीरें कैद हैं। पुलिस इन सभी वीडियो की जांच कर रही है। हालांकि कासगंज हिंसा में पथराव और फायरिंग का जो वीडियो सामने आया है उसमें सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हिंसा भड़कने के बाद है। जब एक समुदाय ने दूसरे पर हमला किया तो दूसरी ओर से भी पथराव हुआ।
कासगंज हिंसा से जुड़े इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ युवक मुस्लिम बाहुल्य इलाके की ओर से बढ़ रहे हैं। उनके हाथ में लाठी-डंडे हैं। दोनों ओर से पथराव भी हो रहा है। कुछ युवकों के हाथ में बंदूक भी है। पुलिस के सूत्र दावा कर रहे हैं कि ये वीडियो उसी जगह का है जहां पर चंदन गुप्ता को गोली मारी गई। बहरहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। इसके साथ ही वीडियो में नजर आ रहे युवकों की भी पहचान की जा रही है। वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि ये वीडियो चंदन गुप्ता की हत्या के बाद का है। जब गुस्साए चंदन के साथियों ने मुस्लिम बाहुल्ल इलाके में पथराव और फायरिंग किया। कासगंज हिंसा में 14 सेकेंड के इस वीडियो को एकतरफा बताया जा रहा है। उधर, पुलिस की एफआईआर भी ये बताती है कि कासगंज हिंसा तिरंगा यात्रा को रोकने जाने के बाद ही शुरु हुई थी। कैसे जरा ये भी जान लीजिए।
दरअसल, कासगंज हिंसा पर शहर कोतवाली के SHO रिपुदमन सिंह ने जो एफआईआर लिखी है उसमें कहा गया है कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा निकल रही थी। जिसमें बाइक सवार युवा शामिल थे। ये लोग मुस्लिम बाहुल्य इलाके से तिरंगा यात्रा निकालना चाहते थे। लेकिन, दूसरे समुदाय के लोगों ने अपनी कॉलोनी से तिरंगा यात्रा निकालने से मना कर दिया। जिसके बाद दोनों समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई। SHO रिपुदमन सिंह ने एफआईआर में लिखा है कि जब पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप कर मामला शांत कराने की कोशिश की तो दोनों ही पक्षों ने पुलिस की बात नहीं मानी। इसी बीच गली से गोली चलने की आवाजें सुनाई पड़ने लगी। इसके बाद दोनों समुदाय के बीच पथराव शुरु हो गया और फायरिंग भी हुई। SHO रिपुदमन सिंह के मुताबिक मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पुलिसवालों को भी निशाने पर लिया गया।
यानी हुल्का मोहल्ले में शूट किया गया जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है उसे और SHO रिपुदमन सिंह के बयानों का मिलान करें तो पता चलता है कि पहले गोली गली के भीतर से चलाई गई। इसके बाद पथराव शुरु हुआ। फिर दोनों ओर से फायरिंग की गई। ऐसे में कहा जा सकता है कि 14 सेकेंड का ये वीडियो हिंसा भड़कने के बाद का था। बहरहाल, इस मामले की जांच जारी है। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि हिंदू युवकों ने जाते ही मुस्लिम समुदाय पर फायरिंग शुरु कर दी थी या फिर तिरंगा यात्रा रोके जाने के लिए मुस्लिम समुदाय की ओर से पहले फायरिंग की गई। जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यानाथ की सरकार ने इस पूरे मामले में गृहमंत्रालय को डिटेल रिपोर्ट भेज दी है। अभी मंगलवार को ही गृहमंत्रालय ने इस मालमे में यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की थी।