प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में नीतीश कुमार, एक देश एक चुनाव को दिया समर्थन

बिहार के सीएम नीतीश कुमार कई मौकों पर ये जाहिर कर चुके हैं कि वो मोदी के कितने बड़े समर्थक हैं. प्रधानमंत्री मोदी के एक आइडिया को उन्होंने करामाती बताया है।

New Delhi, Feb 01: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन तोड़ कर बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाई थी, तो उसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने इस फैसले के पीछे की वजह बताई थी, लालू यादव और तेजस्वी को मुख्य कारण बताया था, उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश से सवाल पूछा गया था कि 2019 में मोदी को कौन टक्कर दे सकता है, इसके जवाब में नीतीश ने कहा था कि मोदी को कोई टक्कर नहीं दे पाएगा। उसी समय ये साफ हो गया था कि विपक्षी खेमे से निकल कर एनडीए में आने वाले नीतीश जनता के मूड को भांप गए हैं। उनको पता है कि मोदी जैसा नेता किसी दल के पास नहीं ह। ऐसे में उनको हराने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

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उसके बाद से नीतीश ने कई मौकों पर पीएम मोदी का समर्थन किया है, अब उन्होंने पीएम मोदी के एक विचार का भी समर्थन किया है, दरअसल पिछले काफी समय से प्रधानमंत्री मोदी संकेत दे रहे हैं कि वो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के पक्षधर हैं, एक देश एक चुनाव की कल्पना को साकार होने में अभी बहुत समय है, लेकिन कहीं से तो इसकी शुरूआत होनी चाहिए। मोदी के इस विचार को नीतीश ने शानदार बताया है, उन्होंने खुल कर इसकी तरफदारी करते हुए कहा कि ये बहुत अच्छा विचार है। एक साथ चुनाव होने से कई तरह की समस्याओं से निजात मिल सकती है। बिहार के सीएम ने कहा कि एक देश एक चुनाव को लेकर मोदी ने पहल की है जिसका समर्थन सभी दलों को करना चाहिए।

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नीतीश ने कहा कि ये एक अच्छा आइडिया है, उनका कहना है कि बार बार चुनाव होने से लोग उस में ही फंसे रहते हैं, इस से विकास पर असर पड़ता है, आचार संहिता के कारण सरकारी योजनाएं रुक जाती हैं, फंड रुक जाता है, नीतीश ने कहा कि कभी मध्यावधि चुनाव होते हैं तो कभी कोई और चुनाव होते हैं, इस तरह से हमेशा चुनाव चलते ही रहते हैं। नीतीश ने कहा कि वो काफी पहले से इस विषय पर चर्चा करते रहे हैं, सभी पार्टियों को इस बारे में बात करनी चाहिए, सभी की सहमति से ही ये विचार मूर्त रूप ले सकता है। नीतीश ने ये भी कहा कि ये मुश्किल काम है लेकिन कहीं से तो शुरूआत करनी होगी।

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एक तरफ बीजेपी और उसके सहयोगी दल एक देश एक चुनाव को लेकर जागरूकता फैला रहे हं, इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को इस में अपना सियासी नुकसान दिखाई दे रहा है, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ये भी मोदी का एक जुमला है, चिदंबरम ने कहा कि जब तक संविधान में परिवर्तन नहीं किया जाता ये संभव नहीं है। दरअसल कांग्रेस को डर है कि अगर सारे चुनाव एक साथ हो गए तो उसे इसका नुकसान उठाना पड़ेगा, लोकसभा चुनाव में मोदी के कद और उनकी बोलने की शैली का मुकाबला कोई नहीं कर पाएगा, इसका असर राज्यों पर भी पड़ेगा, स्थानीय मुद्दे गौण हो जाएंगे और बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों के दम पर आसानी से जीत जाएगी।