कश्मीर में दस्तक दे चुका है ISIS, लश्कर में शुरु हुआ विद्रोह
जिस बात का डर था वही हुआ। कश्मीर में ISIS के आतंकियों ने कश्मीरी युवाओं को बरगलाना शुरु कर दिया है। वो घाटी में अपने पैर जमाना चाहता है।
New Delhi Feb 04 : कश्मीर के लिए ये बुरी खबर है। दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने घाटी में अपनी दस्तक दे दी है। इस्लामिक स्टेट घाटी में अपने संगठन को मजबूत करना चाहता है। इसके लिए उसने यहां के युवाओं को भी बरगलाना शुरु कर दिया गया है। इससे पहले भी कई बार कश्मीर में होने वाले विरोध प्रदर्शन में पाकिस्तान के साथ-साथ ISIS के झंडे भी लहराए जा चुके हैं। हालांकि अब तक किसी भी आतंकी के इस संगठन में शामिल होने की कोई खबर नहीं थी। लेकिन, अब पुलवामा के दो युवाओं की तस्वीरें सामने आईं हैं। जो ISIS में शामिल हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीरिया में बैठे इस्लामिक स्टेट के आकाओं ने इन्हीं दोनों आतंकियों को कश्मीर में अपने संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही इन्हें ये भी निर्देश दिए गए हैं कि वो कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी संगठनों में विद्रोह कराएं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कश्मीर के पुलवामा के जिन दो युवकों ने ISIS ज्वाइन किया है वो पहले से ही लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन, दोनों आतंकियों ने अभी हाल ही में इस्लामिक स्टेट को ज्वाइन कर लिया। कश्मीर के जिन दो आतंकियों ने ISIS ज्वाइन किया है उनकी पहचान भी हो गई है। इसमें एक आतंकी का नाम शब्बीर अहमद है। जो पुलवामा के पडगमपोरा गांव का रहने वाला है। जबकि दूसरे आतंकी पहचान हामिद इस्माइल के तौर पर की गई है। हामिद इस्माइल पुलवामा के लेलहर गांव का रहने वाला है। सूत्रों का कहना है कि दोनों ने ही कुछ समय पहले ही लश्कर-ए-तैयबा ज्वाइन की थी। लेकिन, ये लोग लगातार इस्लामिक स्टेट के भी संपर्क में थे। बताया जा रहा है कि सीरिया में प्रमुख आतंकियों के संपर्क में आने के बाद इन दोनों ही आतंकियों को ISIS ने पूरे कश्मीर की कमान सौंप दी है।
शब्बीर अहमद और हामिद इस्माइल को कश्मीर में ISIS के लिए आतंकियों की भर्ती की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही इन लोगों को ये भी निर्देश दिया गया है कि वो नए युवकों की भर्ती के साथ-साथ पाकिस्तान के आतंकी संगठनों में शामिल नए नवेले आतंकियों को भी अपने साथ जोड़ें। जिसमें वो लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को भी अपने संगठन में शामिल कर सकते हैं। इस खबर ने कश्मीर में सक्रिय खुफिय एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। डर इस बात का है कि कहीं कश्मीर में इस्लामिक स्टेट का नेटवर्क पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी ज्यादा तेज ना हो जाए। क्योंकि घाटी में होने वाले तमाम विरोध प्रदर्शन में ISIS के झंडे लहराए जाते हैं। कुछ आतंकियों को भी ISIS के झंडों में ही लपेटकर दफन किया जा चुका है। जो इस ओर इशारा करते हैं कि घाटी में इस्लामिक स्टेट की विचारधारा के तमाम लोग मौजूद हैं।
दरसअल, इस्लामिक स्टेट को फॉलो करने वाले लोग कश्मीर में सीरिया कानून लागू कराना चाहते हैं। कई बार इस तरह की बातें भी सामने आ चुकी हैं कि कुछ आतंकी गांव वालों को सीरिया कानून के तहत ही काम करने की धमकी देकर जा चुके हैं। इसमें अंतिम संस्कार भी सीरिया कानून के तहत की करने की धमकी दी जा चुकी है। मतलब साफ है कि ISIS कश्मीर में अपनी जड़े मजबूत करने में जुटा हुआ है। हालांकि इस बीच कश्मीर में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने ISIS के इन नए नवेले कमांडरों शब्बीर अहमद और हामिद इस्माइल की तलाश तेज कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वो तब तक घाटी में चैन से नहीं बैठेंगी जब तक हरेक आतंकी का खात्मा नहीं हो जाता। चाहें वो आतंकी ISIS का हो या फिर अलकायदा का, या लश्कर-ए-तैयबा का या हिजबुल मुजाहिद्दीन का। हर आतंकी का बस एक ही अंत है मौत। जो देर से ही सही लेकिन, आएगी जरूर।