‘वंदेमातरम’ नहीं कहने वाले ओवैसी ने झाड़ा नया ‘पाकिस्‍तानी’ ज्ञान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक नई मांग की है। जानिए क्‍या चाहते हैं जनाब।

New Delhi Feb 07 : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अकसर विवादों में रहते हैं। उनके बयानों पर अकसर ही कोई ना कोई विवाद होता रहता है। कभी वो किसी संदिग्‍ध आतंकी की पैरवी करते हैं तो कभी ट्रिपल तलाक के समर्थन में बयान देते हैं। ओवैसी की पूरी की पूरी राजनीति मुसलमानों पर ही आधारित है। वैसे तो वो वंदेमातरम कहने में भी परहेज करते हैं। लेकिन, अगर कोई हिंदुस्‍तानी किसी मुसलमान को पाकिस्‍तानी कह दे तो ये बात उन्‍हें बहुत ही नागवार गुजरती है। दरअसल, पिछले दिनों कई मामलों में देखा गया है कि जो मुसलमान वंदेमातरम, राष्‍ट्रगान या फिर तिरंगा यात्रा को लेकर अपना विरोध जताते हैं लोग उन्‍हें पाकिस्‍तानी भी कह देते हैं। लेकिन, ओवैसी चाहते हैं कि हिंदुस्‍तान में ऐसा ना हो। किसी भी हिंदुस्‍तानी मुसलमान को पाकिस्‍तानी ना कहा जाए। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे सजा मिले।

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जी हां हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में हिंदुस्‍तानी मुसलमानों के लिए एक अलग तरह का ही कानून बनाने की मांग की। उन्‍होंने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि वो भारतीय मुसलमानों के हक में ऐसा कानून लेकर आएं कि अगर उन्‍हें कोई पाकिस्‍तानी कहे तो ऐसे व्‍यक्तियों को कड़ी सजा मिले। भारतीय मुसलमानों को पाकिस्‍तानी कहने वालों के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई ही ना हो उन्‍हें जेल की सजा भी मिले। ओवैसी चाहते हैं कि इस कानून में तीन साल की सजा का प्रावधान हो। ओवैसी का मानना है कि इस कानून से बेवजह परेशान होने से बचाया जा सकता है। ओवैसी की इस मांग पर सोशल मीडिया यूजर्स उनकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि जो मुसलमान भारत में रहकर पाकिस्‍तान जिंदाबाद के नारे लगाएगा उसे पाकिस्‍तानी नहीं कहेंगे तो क्‍या कहेंगे।

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इसके साथ ही कई लोगों ने कहा कि ओवैसी जी आपको तो वंदेमातरम से भी इतराज है। अगर आप सच्‍चे देशभक्त और सच्‍चे हिंदुस्‍तानी हैं तो फिर क्‍यों नहीं सार्वजनिक तौर पर वंदेमारतम कहते हैं। भारत माता की जयकार करते हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर ओवैसी के समर्थक और उनके विरोधी आपस में भिड़ गए हैं। ओवैसी समर्थकों का कहना है कि भारतीय मुसलमानों को किसी से देशभक्ति का सार्टिफिकेट लेने की कोई जरुरत नहीं है। भारतीय मुसलमान भी उतने ही बढ़े राष्‍ट्रभक्‍त हैं जितने देश के हिंदू। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि देशभक्ति के मामले में देश का हर वर्ग बराबर है। लेकिन, कुछ लोग हैं जिनकी वजह से हमेशा देश का सांप्रदायिक माहौल खराब होता है। ऐसे लोग नफरत की राजनीति कर हिंदू-मुस्लिम को आपस में लड़वाने की कोशिश करते हैं। जबकि बात हमेशा बराबरी की होनी चाहिए।

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अभी जब कासगंज में सांप्रदायिक दंगा भड़का था उसके पीछे भी कुछ इसी तरह की वजह थी। कासगंज में कुछ लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। लेकिन, समुदाय विशेष के लोग नहीं चाहते थे ये तिरंगा यात्रा उनकी कॉलोनी होकर निकले। इसी बात को लेकर वहां पर विवाद हो गया था। लोग बताते हैं कि यहां पर एक ओर से हिंदुस्‍तान के तो दूसरी ओर से पाकिस्‍तान के नारे लगाए जा रहे थे। ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स ओवैसी से सवाल कर रहे हैं कि जो भारतीय मुसलमान देश में रहकर पाकिस्‍तान के समर्थन वाले नारे लगाए उसका क्‍या किया जाए। कश्‍मीर में अकसर ऐसा देखना को मिलता है। सिर्फ कश्‍मीर ही नहीं जेएनयू में कुछ इसी तरह के हालात देखने को मिल चुके हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटी में भी भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाए जा चुके हैं। लोगों का कहना है कि कार्रवाई ऐसे लोगों के खिलाफ होनी चाहिए जो देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं। वो चाहें हिंदू हों या फिर मुसलमान।