अमेरिका ने फिर किया पाकिस्‍तान पर ड्रोन अटैक, जमीन को बना दिया कब्रिस्‍तान

पाकिस्‍तान के खिलाफ अमेरिका फुलफॉर्म में आ गया है। अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान बार्डर पर ड्रोन अटैक कर बमबारी की।

New Delhi Feb 09 : अमेरिका ने पाकिस्‍तान के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ अमेरिका ने अपनी त्‍यौरियां चढ़ा ली हैं। अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्‍तान पर ड्रोन अटैक किया। अमेरिका ने ये ड्रोन अटैक अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान बार्डर पर किया। जिसमें वजीरिस्‍तान में कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है। अमेरिका के इस ड्रोन अटैक में तालिबान और हक्‍कानी नेटवर्क के चार खूंखार आतंकियों को मारे जाने की पुष्टि भी कर दी गई है। लेकिन, स्‍थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ड्रोन हमले में सिर्फ चार नहीं बल्कि कई आतंकी मारे गए हैं। जबकि कईयों ने तो यहां से अपना ठिकाना ही बदल दिया है। अमेरिका के इस ड्रोन अटैक में तालिबान का डिप्‍टी चीफ खालिद उर्फ सजना महसूद भी मारा गया है। अमेरिका के इस हमले की गूंज इस्‍लामाबाद तक में सुनाई पड़ रही है। बताया जा रहा है कि इस्‍लामाबाद में एक हाईलेवल इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई गई है।

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बेशक कहा जा रहा हो ये हमला वजीरिस्‍तान में किया गया। लेकिन, जिस जगह पर तालिबान के डिप्‍टी चीफ खालिद उर्फ सजना महसूद को मारा गया वो इलाका पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाला है। दरसअल, पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान बार्डर पर कई आतंकियों को शरण दी हुई है। पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक आर्मी यहां पर तालिबान और हक्‍कानी नेटवर्क को पूरा समर्थन देती हैं। इसके बदले में पाकिस्‍तान अपने मुताबिक अफगानिस्‍तान में हमले और धमाके कराता है। ये बात अमेरिका को पता चल चुकी है। इसलिए इन आतंकियों के सफाए की जिम्‍मेदारी भी अब अमेरिका ने अपने ही कंधों पर उठा ली है। इससे पहले भी काफी दिनों से अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच आतंकवाद को लेकर तनातनी चली आ रही है। अमेरिका ने पहले ही ये चेतावनी जारी कर दी थी कि अगर पाकिस्‍तान हक्‍कानी नेटवर्क और तालिबान का सफाया नहीं करता है तो वो अपने हिसाब से कार्रवाई करेगा।

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अमेरिका के ड्रोन अटैक उसी का नतीजा है। हालांकि पाकिस्‍तान अमेरिकी ड्रोन अटैक से बौखला गया है। लेकिन, उसकी हिम्‍मत नहीं है कि वो अमेरिका का विरोध कर सके। इससे पहले अभी 24 जनवरी को भी अमेरिका ने यहां के कबायली क्षेत्र कुर्रम में ड्रोन अटैक कर हक्‍कानी नेटवर्क के कमांडर को ढेर कर दिया था। यानी कह सकते हैं कि अमेरिका ने अब ड्रोन अटैक के जरिए पाकिस्‍तान में शरण लिए आतंकियों के खिलाफ खुद ही कार्रवाई शुरु कर दी है। अमेरिका ने अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के बार्डर वाले इलाकों में ड्रोन अटैक के जरिए बारूद भरना शुरु कर दिया है। पिछले महीने जब जनवरी में अमेरिकी कार्रवाई हुई थी उस वक्‍त फाटा इलाके में हक्‍कानी नेटवर्क के दो टॉप कमांडर मारे गए हैं। दरसअल, अमेरिका पाकिस्‍तान को सालों से हक्‍कानी नेटवर्क के खात्‍मे लिए सैन्‍य आर्थिक मदद पहुंचाता रहा है। लेकिन, पाकिस्‍तान ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका को धोखा दिया। वो एक ओर अमेरिका से पैसा लेता रहा दूसरी ओर हक्‍कानी नेटवर्क को सपोर्ट करता रहा।

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अभी हाल ही में अमेरिका की एक रिपोर्ट ने भी इस बात का खुलासा किया था। जिसके बाद से ही अमेरिका और पाकिस्‍तान में तनातनी चल रही है। अमेरिका पाकिस्‍तान को दी जाने वाली आर्थिक सैन्‍य मदद को रोक चुका है। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा था कि अगर पाकिस्‍तान आतंकवाद के खिलाफ कदम नहीं उठाता है तो हम अपने हिसाब से कार्रवाई करेंगे। पाकिस्‍तान के फाटा के बाद अब वजीरिस्‍तान में ड्रोन अटैक को अमेरिका की उसी चेतावनी का नतीजा माना जा रहा है। अमेरिकी की पिछली कार्रवाई में हक्‍कानी नेटवर्क के जिन दो टॉप कमांडर की मौत हुई थी उसमें एक एहसानुल्‍लाह उर्फ खावारी है और दूसरी टॉप कमांडर नसीर महमूद था। हक्‍कानी नेटवर्क के ये दोनों ही टॉप कमांडर नॉर्थ वजीरिस्‍तान के फाटा में मारे गए थे। अमेरिकी ड्रोन अटैक से पूरे इलाके में काफी दहशत का माहौल है। ड्रोन अटैक के बाद यहां पर सिर्फ मलबे के ढेर ही नजर आ रहे हैं।