पटेल पहले पीएम होते तो क्या होता, इस बात का जबाव तो उनका पीएम होना ही दे पाता

पटेल पीएम होते तो क्या होता ? इस सवाल का जवाब तो पटेल का पीएम होना ही दे पाता लेकिन अनुमान लगाने के लिए भी उस दौर के पटेल को तो समझना ही होगा।

New Delhi, Feb 10 : पटेल को अपनाने और नेहरू को मिटाने की साज़िशों के बीच इतिहास और तथ्यों को भी समझने की ज़रूरत है, पटेल ही थे, जिन्होंने फ़रवरी 1949 को हिन्दू राष्ट्र और हिन्दू राज जैसे विचारों को पागलपन कहा था, पटेल ही थे , जिन्होंने संघ पर पाबंदी लगा दी थे। पटेल ही थे, जो गांधी की हत्या के बाद उग्र हिन्दुत्व के उभार से बेहद नाराज़ और दुखी थे।

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पटेल पीएम होते तो क्या होता ? इस सवाल का जवाब तो पटेल का पीएम होना ही दे पाता लेकिन अनुमान लगाने के लिए भी उस दौर के पटेल को तो समझना ही होगा। sardar_patelफेसबुकिया इतिहासकारों से अर्जित ज्ञान की सारी किश्तें आत्मसात कर लेने के बाद कुछ किताबें भी पढ़नी चाहिए।

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समझदारी का ग़लीचा खुलता है, बंद खिड़कियों और बंद दरवाज़ों से खुली हवा नहीं आती है, पटेल कम से कम उनके तो नहीं ही थे, जो आज मेरे पटेल, हमारे पटेल कर रहे हैं। Social mediaमैं भी पढ़ रहा हूँ, आप भी पढ़िए, सोशल मीडिया पर गप्प के गुलगुले खाते रहने से आप न तो पटेल को समझ पाएँगे, न अपने इतिहास को, भक्तालयों से प्रचारित, प्रसारित और वितरित पन्ने पढ़कर आप पटेल को जान ही नहीं पाएँगे।

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वाट्सअप शिक्षण केन्द्र से आने वाले हेवीडोज ने सबको चलता फिरता ऐसा इतिहासकार बना दिया है ,Whatsapp जो तथ्यों के प्रति मेमोरी लॉस के शिकार हैं।

(वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)