जिहाद काउंसिल पर कब्‍जे को लेकर हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन में खिंची तलवारें

पाकिस्‍तान में जिहाद काउंसिल पर कब्‍जे को लेकर आतंकी संगठन आपस में भिड़ गए हैं। हाफिज सईद ने सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

New Delhi Feb 10 : पाकिस्‍तान के सभी आतंकी संगठनों का एक ही मकसद है भारत में तबाही और कश्‍मीर पर कब्‍जा। पाक के आतंकी संगठनों की राहें बेशक अलग-अलग हों लेकिन, सभी अपनी मंजिल एक ही मानते हैं। इसलिए बहुत ही कम ऐसा देखने को मिलता है कि पाक के आतंकी संगठन कहीं पर वर्चस्‍व की लड़ाई लड़े। लेकिन, अब पाकिस्‍तान में जिहाद काउंसिल पर कब्‍जे को लेकर पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन आपस में ही भिड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आतंकी सरगनाओं की इस जंग में जैश-ए-मोहम्‍मद का मुखिया मौलाना मसूद अहजर भी कूद पड़ा है। वो हाफिज सईद के साथ है। दरसअल, हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर दोनों ही मिलकर सैयद सलाहुद्दीन को जिहाद काउंसिल से हटाना चाहे हैं।

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जिहाद काउंसिल क्‍या है जरा इसे भी समझ लीजिए। दरसअल, यूनाइटेड जिहाद काउंसिल उन आतंकी तंजीमों को मिलकर बनाया गया है जो एक की मकसद पर काम करते हैं। कश्‍मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्‍तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। लेकिन, मुख्‍य रुप से तीन ही संगठन ऑपरेट कर रहे हैं। बाकी संगठन इन्‍हीं के छद्म से चलते हैं। यूनाइटेड जिहाद काउंसिल में लश्‍कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन शामिल है। यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का मुखिया इस वक्‍त हिजबुल मुजाहिद्दीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन है। लेकिन, लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक हाफिज सईद चाहता है कि यूनाइटेड जिहाद काउंसिल की कमान अब उसे मिल जाए। इसलिए हाफिज सईद ने मौलाना मसूद अहजर के साथ मिलकर सैयद सलाहुद्दीन से ये कुर्सी छीनने की प्‍लॉनिंग शुरु कर दी है। ये लोग अब आपस में ही एक दूसरे की जड़े काट रहे हैं।

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दरसअल, पाकिस्‍तान में यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का गठन किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही कराया था। उसकी शह पर ही इस संगठन में पत्‍ता हिलते हैं। पिछली बार भी हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को आईएसआई की शह पर ही इसका चीफ बनाया गया था। इसके बाद इसी संगठन के सबसे ज्‍यादा आतंकियों की घुसपैठ कश्‍मीर में कराई गई थी। लेकिन, इस वक्‍त कश्‍मीर में इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन ऑल आउट चला रखा है। जिसके चलते हर रोज आतंकियों के एनकाउंटर किए जा रहे हैं। पिछले करीब छह महीने में इंडियन आर्मी के जवान ढाई सौ से ज्‍यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इसमें सबसे ज्‍यादा आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के ही मारे गए हैं। इंडियन आर्मी के जवान इन आतंकियों को किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले ही मौत के घाट उतार देते हैं।

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लश्‍कर-ए-तैयबा का आलम ये है कि इस संगठन के पास इस वक्‍त कश्‍मीर में अपना एक कमांडर तक नहीं है। सेना के जवान सबसे पहले इन आतंकी संगठनों के कमांडरों को ही मार रहे हैं। ऐसे में हाफिज सईद की दलील है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन कश्‍मीर में सही ढंग से काम नहीं कर पा रही है। हाफिज ने आईएसआई से इस बात की गुहार लगाई है कि यूनाइटेड जिहाद काउंसिल से सैयद सलाहुद्दीन को हटाकर उसे इस कुर्सी पर बिठाया जाए। हाफिज सईद को मौलाना मसूद अहजर का समर्थन हासिल है। माना जा रहा है कि हाफिज का दवाब आईएसआई पर काम आएगा और वो जल्‍द ही सैयद सलाहुद्दीन से ये पद छीनकर यूनाइटेड जिहाद काउंसिल में हाफिज सईद को बिठा देगी। हालांकि अंदरखाने कहा जा रहा है कि हो सकता है कि ये सारा ड्रामा खुद आईएसआई का ही रचा हुआ हो। वो कश्‍मीर को लेकर कोई नई प्‍लानिंग कर रहा हो।