लश्‍कर-ए-तैयबा ने ली सुंजवान और श्रीनगर हमले की जिम्मेदारी

सुंजवान आर्मी कैंप और श्रीनगर में CRPF के कैंप पर हुए आतंकी हमलों की जिम्‍मेदारी पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा ने ली है।

New Delhi Feb 12 : शनिवार को जम्‍मू के सुंजवान आर्मी कैंप और सोमवार को श्रीनगर में CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमलों की जिम्‍मेदारी पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा ने ले ली है। इससे पहले दावा किया जा रहा था कि सुंजवान आर्मी कैंप पर हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों का हाथ है। हालांकि अब लश्‍कर-ए-तैयबा ने खुद ही इस हमले की जिम्‍मेदारी लेकर इस बात को साबित कर दिया है कि इन दोनों ही हमलों में उसी का हाथ है ना कि जैश-ए-मोहम्‍मद का। दरसअल, इन दोनों ही हमलों के बाद फोकट में जैश-ए-मोहम्‍मद को क्रेडिट मिल रहा था। ये बात लश्‍कर के आतंकियों को नागवार गुजर रही थी। मीडिया में जैश-ए-मोहम्‍मद का नाम आने के बाद लश्‍कर की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर दोनों हमलों की जिम्‍मेदारी ली। लश्‍कर की ओर से कश्‍मीर के कुछ मीडिया हाउसेस में इस संबंध में बाकायदा ई मेल भी भेजा गया है। इसके साथ ही व्‍हाट्सअप ग्रुप पर भी हमले की जिम्‍मेदारी ली गई है।

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हालांकि सोमवार को श्रीनगर के करण नगर में CRPF कैंप पर आतंकी हमले को वहां मौजूद संतरियों ने नाकाम कर दिया था। संतरियों की फायरिंग में लश्‍कर-ए-तैयबा के दोनों आतंकी वहां से भाग खड़े हुए थे। जिसके बाद उन्‍हें डाउन टाउन इलाके में घेर लिया गया। आतंकी श्रीनगर की एक खाली बिल्डिंग में जा घुसे थे। जहां से वो फायरिंग कर रहे हैं। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने इन दोनों ही आतंकियों को इसी बिल्डिंग में घेर लिया है। लेकिन, आसपास मकान और दुकान होने की वजह से ऑपरेशन को बेहद ही एहतियात के साथ पूरा किया जा रहा है। उधर, जम्‍मू के सुंजवान आर्मी कैंप में भी शनिवार की सुबह चार बजे से ऑपरेशन जारी है। सुंजवान के आर्मी कैंप में लश्‍कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों ने हमला किया था। हमला करने वाले तीनों आतंकियों को मारा जा चुका है। लेकिन, आर्मी कैंप में सर्च और सेनेटाइजेशन का काम जारी है।

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सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही इस हमले में एक सिविलियन की भी मौत हुई थी। सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए को इस केस में कई महत्‍वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। एनआईए की पांच सदस्‍यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी इस वक्‍त जम्‍मू में कैंप किया हुआ है। जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल एनएन वोहरा आतंकी हमलों को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। दोनों ही हमलों पर रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय की नजर बनी हुई है। उधर, देश की खुफिया एजेंसियों ने भी लश्‍कर-ए-तैयबा के दावों की जांच शुरु कर दी है। दरअसल ये संगठन पाकिस्‍तान से ऑपरेट होता है। हाफिज सईद ही लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक है। जिस पर अमेरिका ने ईनाम भी रखा हुआ है।

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सूत्रों का कहना है कि इस वक्‍त पाक अधिकृत कश्‍मीर में लश्‍कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा की कमान हाफिज सईद के बेटे तल्‍हा सईद ने संभाल रखी है। लश्‍कर में हाफिज सईद का साला अब्‍दुल रहमान मक्‍की दूसरे नंबर की पोजीशन पर है। इन आतंकियों के नाम पहले भी भारत में कई हमलों में सामने आ चुके हैं। लेकिन, पाकिस्‍तान में इन सभी आतंकियों को पूरा संरक्षण मिला हुआ है। लश्‍कर-ए-तैयबा को पाक आर्मी और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी पूरा सपोर्ट है। इन आतंकियों को हथियार पाक आर्मी ही मुहैया कराती है। सुंजवान हमले में मारे गए तीनों आतंकियों के पास से भी एके-56 रायफल के अलावा अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, कई मैगजीन, हैंडग्रेनेड और भारी मात्रा में गोलियां बरामद की गई हैं। इस हमले से पहले लश्‍कर का एक पाकिस्‍तानी आतंकी भी श्रीनगर के अस्‍पताल से भागा था। जिसका नाम नवीद जट उफ अबु जुंदला है। हालांकि इस हमले में उसके रोल की पड़ताल की जा रही है।