शहादत को भी सांप्रदायिकता में बांट गया ओवैसी, कुछ तो शर्म करो
AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हमेशा सांप्रदायिक राजनीति करने वाले इस नेता ने शहादत को भी बांट दिया।
New Delhi Feb 13 : देश की हिफाजत के लिए जान देने वाला सिपाही सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तानी होता है। उसकी कोई जात नहीं होती। उसकी पहचान सिर्फ भारतीय सेना के एक बहादुर सिपाही के तौर पर होती है। लेकिन, देश में सांप्रदायिक राजनीति करने वालों ने अब शहीदों की शहादत पर भी अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकनी शुरु कर दी है। जिसकी शुरुआत किसी और ने नहीं बल्कि AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने की है। औवैसी ने जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले और उसमें शहीद हुए जवानों को लेकर बेहद ही विवादित बयान दिया है। इस हमले को सियासी रंग देते हुए ओवैसी ने कहा कि सुंजवान अटैक में जो सात लोग मारे गए हैं। उसमें पांच कश्मीरी मुसलमान हैं। ओवैसी ने कहा कि जो लोग आज भी मुसलमानों को पाकिस्तानी समझते हैं उन लोगों को इस शहादत से सबक लेना चाहिए। असदुद्दीन के इस बयान के बाद लोगों ने उसे चौतरफा घेरना शुरु कर दिया है।
ओवैसी के इस बयान पर लोगों ने उसे नसीहत दी है कि वो कम से कम शहीदों को शहादत को सांप्रदायिक रंग ना दे। लोगों का कहना है कि आज ओवैसी मुसलमान शहीदों के आंकड़े गिना रहा है तो कल को कोई दूसरा नेता हिंदू शहीदों के आंकड़े गिनाएगा। देश में इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हालांकि AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो इस मसले पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने में जुटा हुआ है। इस मौके पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ PDP-BJP गठबंधन पर भी निशाना साधा। उसका कहना है कि ये दोनों ही पार्टियां मिलकर सिर्फ ड्रामा कर रही हैं और मलाई खा रही हैं। दरसअल, शनिवार की सुबह करीब चार बजे जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों ने हमला कर दिया था। ये ऑपरेशन काफी लंबा चला था।
इस ऑपरेशन में आर्मी ने तीनों फिदायीन हमलावरों को मार गिराया था। हालांकि इस एनकाउंटर में आर्मी के छह जवान भी शहीद हुए थे। इसके अलावा एक सिविलियन की मौत हुई थी। सुंजवान आर्मी कैंप में आर्मी का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। इस पूरे हमले की जांच एनआईए कर रही है। वहीं दूसरी ओर ओवैसी सरीखे नेता इस हमले पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ओवैसी ने सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले और इसमें शहीद हुए जवानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले में जो सात लोग मारे गए हैं उसमें पांच कश्मीरी मुसलमान हैं। ओवैसी का कहना है कि अब इस पर कोई कुछ क्यों नहीं बोल रहा है। AIMIM के चीफ कहते हैं कि इस हमले और शहादत से उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो मुसलमानों को पाकिस्तानी कहते हैं और मुसलमानों की वफादारी पर शक करते हैं। आज भी उन्हें पाकिस्तानी समझा जाता है।
ओवैसी ने सवाल किया कि आखिर कब तक बीजेपी और पीडीपी मिलकर राज्य में ड्रामा करते रहेंगे। असदुद्दीन ने इस हमले को राज्य सरकार की नाकामी करार दिया है। उनका कहना है कि इस हमले के बाद जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि किसकी चूक की वजह से ये हमला हुआ। इससे पहले भी AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा में एक अजीबो-गरीब मांग भी कर चुके हैं। उनका कहना था कि केंद्र की मोदी सरकार को एक ऐसा बिल लाना चाहिए कि जो लोग भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तानी कहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो और उन्हें तीन साल तक की सजा मिले। हालांकि उनके इस बयान पर भी काफी बवाल हुआ था। तब लोगों ने कहा था कि ये बिल सिर्फ मुसलमानों के लिए ही क्यों हो। जो लोग देशद्रोही बातें करें या पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बहरहाल अब ओवैसी के नए बयान पर बवाल मचा हुआ है।