राहुल गांधी अब समझेंगे बीजेपी और संघ का दर्द, इस बार कांग्रेस को चोट लगी

राहुल गांधी को अब बीजेपी और संघ के दर्द का अहसास होगा, राजनीतिक हत्याओं के लिए बदनाम केरल के कन्नूर में अब कांग्रेस पर हमला शुरू हो गया है।

New Delhi, Feb 14: कहा जाता है कि जब तक खुद को चोट ना लगे तब तक दूसरों की चोट का अहसास नहीं होता है, सियासत में भी ऐसा ही होता है, केरल में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला जिस तरह से चल रहा है, उसका शिकार बीजेपी और संघ के कार्यकर्ता ज्यादा हो रहे हैं। संघ के फैलाव से वामपंथी दल परेशान हैं, संघ और सीपीएम के बीच में एक तरह से जंग चल रही है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संघ प्रमुख मोहन भागवत लगातार केरल जाते रहते हैं, वो आरोप लगा रहे हैं कि सीपीएम अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हिंसक है। संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या पर कोई सियासी हंगामा नहीं होता है, सारे विपक्षी दल खामोश रहते हैं। राहुल गांधी, वामदल, आप, ममता कोई कुछ नहीं कहता है।

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ये सेलेक्टिव खामोशी इन सभी को भारी पड़ सकती है, जनता इतनी भी बेवकूफ नहीं है। केरल का कन्नूर जिला तो राजनीतिक हत्याओं के लिए बदनाम हो गया है, जहां से संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या की खबरं आती रहती हैं, एक बार फिर से एक कार्यकर्ता की हत्या हो गई है, मगर इस बार वो संघ या बीजेपी का नहीं बल्कि कांग्रेस का कार्यकर्ता है। अब राहुल गांधी को जरूर केरल का दर्द होगा। आरोप सीपीएम के कार्यकर्ताओं पर ही लगा है। कन्नूर के मत्तानूर में कांग्रेस के 29 साल के कार्यकर्ता की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई, आरोप लगा है सीपीएम पर। इस मामले में पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना सोमवार रात हुई जब चार हमलावर कार से आए और एसपी सुहैब के साथ पार्टी के दो अन्य सदस्यों पर देसी बम फेंका और धारदार हथियार से हमला कर दिया।

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एसपी सुहैब कांग्रेस का कर्यकर्ता था, वो मत्तानूर प्रखंड युवा कांग्रेस का सचिव था। वो पिछले काफी समय से पार्टी के लिए काम कर रहे थे, जिस से कांग्रेस विरोधियों की आंखों में वो खटकने लगे थे। जिस समय उन पर हमला किया गया वो थेरूर और रियाज नाम के दो पार्टी सदस्यों के साथ सड़क के किनारे चाय की एक दुकान पर खड़े थे। हमला करने के बाद हमलावर फरार हो गए, घायल हालत में सुहैब को थालचेरी में इंदिरा गांधी को-ऑपरेटिव अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनकी मौत हो गई। वहीं जो दोनों हमले में घायल हुए थे उनकी हालत स्थिर है। ये घटना बता रही है कि केरल में किस तरह से हिंसक राजनीति हो रही है, जिसके बारे में बीजेपी लगातार कह रही है, लेकिन बाकी दल खामोश हैं।

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इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है, पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है, पुलिस का कहना है कि ये पिछले हफ्ते  इलाके में हुई हिंसा के मामलों से संबंधित है। जिस में आईपीसी की अलग अलग धाराओं और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। अब चूंकि कांग्रेस के कार्यकर्ता की हत्या हुई है तो कांग्रेस ने इसका विरोध शुरू किया है, खुद को चोट लगी तो कांग्रेस बिलबिला गई, जिले को बंद रखने का आह्वाहन किया है. राहुल गांधी अगर पहले केरल की राजनीतिक हत्याओं पर बोलते तो आज हालात कुछ और होते, लेकिन राहुल अपने फायदे के अलावा क्यों बोलेंगे। अभी तो ये शुरूआत है, हो सकता है कि आने वाले समय में केरल की हिंसक राजनति और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की बलि ले ।