ओवैसी के मुंह पर पड़ा सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का तमाचा, एक सवाल से याद आ गईं पुश्‍ते

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के एक सवाल ने असदुद्दीन ओवैसी के होश उड़ा दिए हैं। जानिए क्‍या सवाल किया है उन्‍होंने इस नेता से।

New Delhi Feb 15 : भारतीय सेना के जवानों की शहादत का सांप्रदायीकरण करने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के मुंह पर बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने सियासत का तमाचा जड़ दिया है। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने ओवैसी से एक ऐसा सवाल कर लिया है जिसे सुनने के बाद उनके होश उड़ सकते हैं। दरसअल, हाल ही में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले और इस अटैक में शहीद हुए जवानों की शहादत का सांप्रदायीकरण कर दिया था। इसके बाद से ही वो हर किसी के निशाने पर हैं। बस चंद लोग ही उनके समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने भी असदुद्दीन ओवैसी की जमकर क्‍लास लगा दी है। स्‍वामी ने शहादत को सांप्रदायिक रंग देने वाले ओवैसी पर करारा वार किया है।

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सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने इस विवाद में एक ट्वीट किया है। गुरुवार को किए गए ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि ओवैसी भारतीय सेना के शहीद हुए मुस्लिम जवानों को गिन सकते हैं। लेकिन क्या वो इंडियन आर्मी पर हमला करने वाले आतंकवादी संगठनों में शामिल मुस्लिमों की भी गिनती कर सकते हैं? जाहिर है ये सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का ये सवाल ओवैसी को बिलबिलाने वाला है। ओवैसी ने हाल ही में सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले पर बयान देते हुए कहा था कि इस हमले में कुल छह जवान शहीद हुए थे। जिसमें पांच कश्‍मीरी मुसलमान हैं। ओवैसी का कहना था कि इन कश्‍मीरी मुसलमानों की शहादत से उन लोगो को नसीहत लेनी चाहिए जो मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल खड़े करते हैं। जहां एक ओर ओवैसी के इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही थी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के नेता और दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित उनका समर्थन करते नजर आए।

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लेकिन, इन सब के बीच सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने जरूर ओवैसी पर करारा पलटवार किया है। हालांकि इससे पहले भारतीय सेना भी ओवैसी सरीखे नेताओं को फटकार लगा चुकी है। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू का कहना था कि आर्मी कभी भी अपने शहीदों की शहादत को जाति और धर्म के आधार पर नहीं बांटती। उनका कहना था कि सेना कभी भी अपने जवानों की शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देती है। इस तरह की बातें वो लोग करते हैं जिन्‍हें भारतीय सेना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद अब सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का करारा वार सामने आया है। वाकई शहीदों की शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। क्‍योंकि जब भी कोई जवान फौज में भर्ती होता है तो वो उसी दिन से अपने महजब से दूर हो जाता है। आर्मी के भीतर मजहब का कोई महत्‍व नहीं होता। सबकी पहचान भारतीय के तौर पर ही होती है।

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जबकि ओवैसी सरीखे नेता शहादत पर भी राजनीति करने से नहीं चूकते हैं। लेकिन, अब ओवैसी का मुंह शांत कराने के लिए सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का सवाल सामने आ गया है। ओवैसी को ये बताना चाहिए कि कितने आतंकी हमलों में मुसलमान शामिल रहे हैं। दरसअल, अभी कुछ दिनों पहले भी ओवैसी ने एक अनोखी मांग कर देश की राजनीति गरमा दी थी। लोकसभा के भीतर उन्‍होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार मुसलमानों के लिए एक ऐसा कानून लेकर आए जिसमें उन लोगों को सजा का प्रावधान हो जो भारतीय मुसलमानों को पाकिस्‍तानी कहते थे। इसके साथ ही उन्‍होंने ऐसे लोगों के लिए तीन साल की कैद की भी मांग की थी। हालांकि उनके इस बयान पर भी उन्‍हें जमकर ट्रॉल किया गया था। लोगों का कहना था कि सजा उनको मिलनी चाहिए जो देश विरोधी गतिविाधियों में शामिल रहते हैं। जो भारत में पाकिस्‍तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। भारत विरोधी नारेबाजी करते हैं।