आतंकी सरगना हाफिज सईद की हालत खराब, कोर्ट से कहा बचा लो ‘हुजूर’

भारत और अमेरिका के दवाब में पाकिस्‍तान ने हाफिज सईद पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। लेकिन, अब वो अदालत की शरण में पहुंच गया है।

New Delhi Feb 16 : लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद की हालत खराब होती जा रही है। वो अब पाकिस्‍तान सरकार की कार्रवाई के खिलाफ अदालत की शरण में चला गया है। हाफिज सईद ने अदालत से गुहार लगाई है कि उसे बचा लिया जाए। दरसअल, अभी हाल ही में पाक सरकार ने हाफिज सईद की ओर से चलाए जा रहे मदरसों और डिस्‍पेंसरियों को अपने कब्‍जे में ले लिया है। हाफिज ने पाक सरकार की इस कार्रवाई को पूरी तरह अवैध करार दिया है। इसी को आधार बनाकर उसने अदालत में अर्जी लगाई है। लेकिन, अदालत की ओर से उसे अब तक कोई राहत नहीं दी गई है। इस बीच पाकिस्‍तान सरकार पर पाक में मौजूद प्रतिबंधित संगठनों पर कार्रवाई का दवाब बढ़ता जा रहा है। पाक सरकार को मालूम है कि अगर उसने हाफिज सईद पर कार्रवाई नहीं की तो उसे अमेरिका के गुस्‍से का शिकार होना पड़ेगा।

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पाकिस्‍तान अमेरिका समेत पूरी दुनिया को ये दिखाना चाहता है कि वो आतंकवाद के खिलाफ है और वो आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसीलिए उसने सईद से जुड़े जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के एक मदरसे और चार डिस्‍पेंसरियों पर अपना नियंत्रण कर लिया। पाकिस्‍तान की इस कार्रवाई से हाफिज सईद बिलबिला उठा है। उसका कहा है कि पहले तो मुझे बिना किसी आधार के दस महीने तक हिरासत में रखा गया। अब हमारे मदरसों और स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों को पाक सरकार अपने नियंत्रण में लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर रही है। हाफिज सईद का कहना है कि पाक सरकार की इस कार्रवाई से पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्‍तान के उत्तरी भागों में उसके ऑर्गेनाइजेशन की ओर से चलाए जा रहे राहत अभियानों पर काफी असर पड़ेगा। हाफिज सईद का दावा है कि हमारी संगठन इंसानियत के काम कर रहे हैं।

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जबकि असल में हाफिज सईद ने इंसानियत और समाज सेवा की आड़ में हैवानियत की चादर ओड़ रखी है। पूरी दुनिया जानती है कि हाफिज लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक है। जो पाकिस्‍तान का खूंखार आतंकी संगठन है। यही हाल जमात-उद-दावा का है। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कार्रवाई से बचने के लिए ही उसने फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन सरीखे आर्गेनाइजेशन खड़े किए हैं। लेकिन, उसका असल मकसद सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद है। वो अपने छद्म संगठनों से फंडिंग भी करता है। लेकिन, अमेरिका और संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की हाफिज सईद पर पैनी नजर है। इसी अंतरराष्‍ट्रीय दवाब में पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अभी हाल ही में एक अधिसूचना जारी की थी। इस नोटिफिकेशन में कहा गया कि 2018 की अधिसूचना संख्या-2 के तहत संघीय सरकार जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से जुड़ी चल, अचल और मानव संसाधन संपत्तियों को जब्त करने और उन्‍हें अपने नियंत्रण में लेने का निर्देश देती है।

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पाक सरकार की ओर ये नोटिफिकेशन दस फरवरी को जारी किया गया था। हाफिज सईद को डर है कि पाक सरकार उसे गिरफ्तार कर जेल में भी ठूंस सकती है। इसलिए वो अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ पहले से ही स्‍टे ले चुका है। हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर लाहौर हाईकोर्ट ने 17 फरवरी तक की रोक लगाई हुई है। इस बीच हाफिज पाक सरकार की कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए किसी भी तरह का हंगामा नहीं चाहता है। शायद यही वजह है कि उसने अपने आतंकियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हाफिज सईद ने अपने समर्थकों से कहा कि कोई भी कहीं भी हिंसा ना करे। वैसे कुछ लोगों का कहना है हाफिज इस तरह की बातें करके पाक सरकार को ये दिखाना चाहता है कि उसके समर्थक उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं। पाकिस्‍तान में हिंसा कर भी सकते हैं भी और करा भी सकते हैं। सीधे शब्‍दों में कहें तो हाफिज इस वक्‍त पाकिस्‍तान में बहुत ही बुरी तरह से घिरा हुआ है।