‘ऑपरेशन विजय’ पर निकले संघ प्रमुख मोहन भागवत

BJP के साथ-साथ संघ ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इस वक्‍त संघ प्रमुख मोहन भागवत ‘ऑपरेशन विजय’ पर हैं।

New Delhi Feb 16 : 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक साल का ही वक्‍त बचा है। भारतीय जनता पार्टी काफी पहले से ही इन चुनावों के लिए अपनी कमर कस चुकी है। बीजेपी के साथ-साथ राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ ने चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। संघ और बीजेपी की ओर से चल रही चुनाव की तैयारियों की थाह खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत लेंगे। इसके साथ ही वो जनता के मन को भी टटोलने की कोशिश करेंगे। ताकि अगर बीजेपी या फिर उनके स्‍वयं सेवकों के काम में कोई कमी रह रही हो तो वक्‍त रहते उसे सुधारा जा सके। इसी कड़ी में संघ प्रमुख मोहन भागवत उत्‍तर प्रदेश का दौरा भी करेंगे। भागवत का यूपी दौरा कुल 12 दिनों का होगा। मोहन भागवत के इस दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से होगी। जानकारी के मुताबिक अपने इस दौरे के दौरान वो लगातार संघ के नेताओं और स्‍वयं सेवकों के साथ मीटिंग करेंगे ये जानने की कोशिश करेंगे कि जनता का मूड क्‍या है।

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संघ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक मोहन भागवत अपने 12 दिवसीय उत्‍तर प्रदेश के दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से भी विचार-विमर्श करेंगे। बनारस के बाद संघ परिवार की अगली बैठक आगरा में होगी। इसके बाद उनका दौरा मेरठ में होगा। दरअसल, सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख स्‍वयं सेवकों के जरिए यूपी की जनता का मन टटोलना चाहते हैं कि आखिर लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी की जनता के मन में क्‍या कुछ चल रहा है। बताया जा रहा है कि मोहन भागवत के इस दौरे के बाद उनकी जो रिपोर्ट होगी उसी के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रणनीति तैयार करेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के संगठन मंत्री सुशील बंसल को इस काम पर लगा भी दिया गया है। यूपी कार्यक्रम के तहत संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार की शाम ही बनारस पहुंच गए हैं।

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उनके तय कार्यक्रम के मुताबिक़ संघ प्रमुख मोहन भागवत 16 फरवरी से लेकर 21 फ़रवरी तक वो संघ के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में काशी, गोरक्षा और अवध प्रांत के संघ नेताओं, कार्यकर्ताओं और संघ से जुड़े संगठनों को बुलाया गया है। बनारस के आसपास का पूरा का पूरा इलाका काशी क्षेत्र में आता है। गोरखपुर और उसके आसपास का इलाका संघ के मुताबिक गोरक्ष कहलाता है। जबकि लखनऊ के आसपास के इलाके को अवध क्षेत्र कहते हैं। यानी मोहन भागवत की इस मीटिंग और दौरे में उत्‍तर प्रदेश के बड़े हिस्‍से को कवर करने की कोशिश की गई है। बताया जा रहा है कि मोहन भागवत अपने इस दौरे के दौरान बनारस के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 हज़ार स्वयं सेवकों को भी संबोधित करेंगे। जाहिर है यहां पर स्‍वयं सेवकों को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र भी दिया जा सकता है।

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अगले महीने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि संघ अपनी ओर से इन सीटों पर भी चुनाव तैयारियों के बारे में बात कर सकता है। भागवत के तय कार्यक्रम के मुताबिक वो 21 तक बनारस में रहेंगे इसके बाद 22 और 23 फरवरी को वो आगरा पहुंचेगे। यहां वो ब्रज प्रांत के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में आगरा के साथ-साथ मथुरा और उसके आसपास के इलाके के नेता और स्‍वयं सेवक हिस्‍सा लेंगे। आगरा के बाद वो पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के मेरठ पहुंचेगे। मेरठ में होने वाली मीटिंग में मुरादाबाद, सहारनपुर, बागपत, मुज़फ़्फ़रनगर और बुलंदशहर समेत कुल 14 जिलों के संघ के नेता और स्‍वयं सेवक हिस्‍सा लेंगे। उत्‍तराखंड भी इसी क्षेत्र में आता है। बताया जा रहा है कि यहां पर 25 फरवरी को एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहेंगे।