मोदी-अमित शाह की जोड़ी ने कर दिया तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा खेल ?

मोदी-अमित शाह की जोडी ने क्‍या वाकई तमिलनाडु की राजनीति में कोई बड़ा खेल कर दिया है। अगर ऐसा है तो विपक्ष की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।

New Delhi Feb 18 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष अमित शाह की निगाहें काफी वक्‍त से तमिलनाडु की राजनीति पर टिकी हुईं हैं। दरसअल, मोदी-अमित शाह की जोड़ी का मानना है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव को जीतना है तो भारतीय जनता पार्टी को उन राज्‍यों में मजबूत होना होगा जहां पर उनका कोई जनाधार तक नहीं है। इस संबंध में लगातार मोदी-अमित शाह की ओर से पार्टी नेताओं को निर्देश भी मिलते रहते हैं। कई मौकों पर अमित शाह ये कह चुके हैं कि हमे उन सीटों पर फोकस करना है जो बीजेपी 2014 में हार गई थी। पार्टी का पहला फोकस उन सीटों पर है जहां हार-जीत का मार्जिन काफी कम था। दूसरा फोकस उन सभी सीटों पर है जहां करारी शिकस्‍त मिली थी। मोदी-अमित शाह ने अपने इसी सियासी गणित को ध्‍यान में रखते हुए ऑपरेशन तमिलनाडु भी शुरु कर दिया है। इस बीच तमिलनाडु के डिप्‍टी सीएम ओ पनीरसेल्वम ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही उन्‍होंने पलानीस्वामी की अगुवाई वाले अन्नाद्रमुक यानी AIADMK में विलय किया था।

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दरसअल, जयललिता काफी पहले एनडीए का हिस्‍सा हुआ करती थीं। लेकिन, बाद में वो एनडीए से अलग हो गई थीं। लेकिन, जयललिता ने कभी यूपीए को भी सपोर्ट नहीं किया। लेकिन, जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु में राजनैतिक संकट गहरा गया था। अन्‍नाद्रमुक दो हिस्‍सों में बंट गई थी। दरअसल, राज्‍य में जब जयललिता की तबियत काफी ज्‍यादा खराब थी तो उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री पद की सारी जिम्‍मेदारी पनीरसेल्‍वम को दे दी थी। लेकिन, जयललिता की मौत के बाद शशिकला नटराजन सक्रिय हो गई थी। वो तमिलनाडु की सियासत पर खुद कब्‍जा करना चाहती थीं। इसलिए उन्‍होंने पनीरसेल्‍वम को मुख्‍यमंत्री की कुर्सी से हटाकर पलानीसामी को मुख्‍यमंत्री बना दिया था। इसके बाद AIADMK दो धड़ों में बंट गई थी। दिल्‍ली में मोदी-अमित शाह की निगाहें भी इस विवाद पर टिकीं हुईं थीं। बीजेपी को राज्‍य में एक बेहतर दोस्‍त की तलाश थी। उस वक्‍त तक रजनीकांत का सियासी वजूद यहां सामने नहीं आया था।

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ना ही कमल हासन राजनैतिक तौर पर सक्रिय हुए थे। अब करीब छह महीने बाद खुद पनीरसेल्‍वम ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही AIADMK में विलय किया। यानी कहा जा सकता है कि मोदी-अमित शाह ने तमिलनाडु में अपनी गोट फिट करते हुए राज्‍य में नया साथी तलाश लिया है। पनीरसेल्‍वम ने इस बात का भी खुलासा किया कि उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही राज्‍य में मंत्री पद संभाला। पलानीस्वामी इस वक्‍त तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं। जबकि पनीरसेल्वम उप मुख्यमंत्री हैं। पनीरसेल्वम के पास इस पद के अलावा वित्त मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय जैसे महत्‍वपूर्ण पद भी हैं। पनीरसेल्‍वम का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AIADMK को टूटने से बचना चाहते थे। इसलिए वो इसके विलय के पक्ष में थे। पनीरसेल्वम में अन्नाद्रमुक के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये खुलासे किए।

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इस मौके पर पनीरसेल्‍वम ने कई और सनसनीखेज खुलासे भी किए। जो काफी चौंकाने वाले थे। पनीरसेल्वम का दावा था कि AIADMK की पूर्व प्रमुख जयललिता की मौत के बाद उन्हें बहुत प्रताडि़त किया गया। उनका कहना है कि उन्‍होंने इतनी प्रताड़ना झेली है कि अगर उनकी जगह कोई और होता तो अपनी जान तक दे सकता था। पनीरसेल्‍वम का कहना था कि लेकिन, मैंने अम्‍मा (जयललिता) की वजह से सबकुछ बर्दास्‍त किया। जयललिता की मौत के बाद ही शशिकला ने उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने को मजबूर किया था। जिसके बाद AIADMK में बगावत शुरु हो गई थी। लेकिन, अब सबकुछ शांत है। पनीरसेल्‍वम के इस खुलासे से ये भी साफ हो गया है कि अब 2019 के लोकसभा चुनाव में AIADMK मोदी-अमित शाह या कहें बीजेपी को फुल सपोर्ट करेगी। जिसका फायदा दोनों ही दलों को होगा। क्‍योंकि इस बार AIADMK को DMK के साथ-साथ रजनीकांत और कमल हासन जैसे लोगों का भी सामना करना है।