चोर ‘चौकीदार’ के साथ फोटो खिंचवाकर भाग गया, सब देखते रह गये
एयरपोर्ट के इमीग्रेशन को कहा गया था कि अगर माल्या भाग ने का प्रयास करे तो उसे हिरासत में ले लिया जाये- यानी देश छोड़ कर भागने न दिया जाये।
New Delhi, Feb 18 : अब जबकि हज़ारों करोड़ का घोटाला करके भाग जाने का सिलसिला ज़ोर पकड़ने लगा है तो विजय माल्या के मामले पर एक बार फिर से नज़र मार लेनी चाहिए। माल्या की एयरलाइन और दूसरी कंपनियों ने करीब ९००० करोड़ का क़र्ज़ बैंकों से लिया (ज़्यादातर यूपीए के ज़माने में). जब क़र्ज़ वापस नहीं हुआ, किश्ते आनी बंद हुई तो मामला दर्ज़ हुआ, सी बी आई में गया और अदालतों में भी पहुँच गया (यूपीए के ज़माने में) जब बात बढ़ी, बैंकों ने दबाब बनाया, पीआईएल फाइल होने लगीं तो सीबीआई ने लुक आउट नोटिस जारी कर दिया (ये बात २०१५ की है, मोदी जी के राज की)…इस लुक आउट नोटिस में खास बात ये थी कि एयरपोर्ट के इमीग्रेशन को कहा गया था कि अगर माल्या भाग ने का प्रयास करे तो उसे हिरासत में ले लिया जाये- यानी देश छोड़ कर भागने न दिया जाये.
इसके ठीक एक महीने बाद सीबीआई ने एक नया लुक आउट नोटिस जारी किया जिसमे ‘ हिरासत में ले लेने’ के स्थान पर इमिग्रेशन से कहा गया था कि अगर माल्या विदेश जाने का प्रयास करे तो उसकी जानकारी सीबीआई को दी जाये- यानी उसे जाने दिया जाये (लुक आउट नोटिस में ये बदलाव भी मोदी जी के राज में हुआ). एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि सीबीआई ने माल्या के बारे में अपनी राय बदल दी और उसे विश्वास हो गया कि माल्या विदेश गया तो लौटकर आ जायेगा. जाहिर है इस एक महीने में माल्या ने सही दरवाज़े खटखटाये, लुक आउट नोटिस बदलवाया और खिसक लिया।
नीरव मोदी का मामला तो और भी दिलचस्प है. उसने पंजाब नेशनल बैंक से गलत कागज़ बनवाया (यूपीए के राज़ में), इसके आधार पर लोन लिया (कुछ यूपीए के राज में और कुछ मोदी जी के राज में), कुछ लोन वापस करता रहा (यूपीए के राज में) और फिर लौटाना बंद कर दिया (मोदी जी के राज में). जब ये मामला खुला तो वो भागा नहीं, धड़ल्ले से देश में ही बना रहा. पीएमओ में शिकायत के बाद भी वो दाबोस जाकर मोदी जी के साथ फोटो खिचवा आया। उसने होशियारी ये की कि एफआईआर दायर होने से पहले ही खिसक लिया. लुक आउट नोटिस जारी नहीं हुआ था इसलिए बदलने कि जरूरत भी नहीं पड़ी।
ये पूरी पोस्ट अख़बारों में छपी ख़बरों के आधार पर लिखी गयी है। किसी भी खबर में ये नहीं बताया गया है कि एफआईआर दायर होने वाली है, ये जानकारी नीरव मोदी को किसने दी, हाँ, माल्या वाले मामले में अख़बारों में ज़रूर ये रिपोर्ट छपी थी कि लुक आउट नोटिस बदलने के बाद १ मार्च २०१५ को माल्या दिल्ली आया, एयरपोर्ट से सीधा संसद भवन गया, वहां सेंट्रल हॉल में जाकर जेटली जी और एकाध और मंत्रियों से मिला और फिर सीधा एयरपोर्ट जाकर अपने प्राइवेट प्लेन से फुर्र हो गया।