जेल में ही मनेगी लालू यादव की होली, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

चारा घोटाले के दोषी लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। देवघर ट्रेजरी घोटाले मे हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।

New Delhi Feb 23 : भ्रष्‍टाचारी लालू यादव को बहुत बड़ा झटका लगा है। चारा घोटाले के दोषी और सजायाफ्ता लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। लालू देवघर ट्रेजरी वाले केस में जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे थे। लेकिन, अदालत ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए जमानत देने से ही इनकार कर दिया है। लालू यादव इस वक्‍त रांची की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट कर हैं। देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्‍हें साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। झारखंड हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अब ये तय हो गया है कि लालू यादव को अपनी होली जेल के भीतर ही मनानी होगी। चारा घोटाले से जुड़े तीन केस में लालू को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई जा चुकी है। जबकि दो केसेस की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में जारी है।

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करीब एक हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत सजा सुनाई थी। सबसे पहले लालू को तीन अक्‍टूबर 2013 को चाईबासा ट्रेजरी केस में सजा मिली थी। उस वक्‍त रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी इसके साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया था। उस केस में भी लालू को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई थी। जिसके बाद उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पहले मामले में उन्‍हें जमानत दे दी थी। लेकिन, लालू को चारा घोटाले के दूसरे मामलों में दिसंबर 2017 को अदालत से ही हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद छह जनवरी 2018 को देवघर ट्रेजरी के केस में सीबीआई कोर्ट ने उन्‍हें साढ़े तीन साल की कैद और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

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देवघर ट्रेजरी केस में लालू यादव को IPC की धारा 120B, 420, 467, 471 और 477A के तहत सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्‍हें 24 जनवरी को एक और केस में उन्‍हें सजा मिली थी। इस केस में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन पर दस लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया था। हालांकि अदालत ने कहा है उनकी दोनों ही सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना अदा ना करने की सूरत में छह महीने की अतिरिक्‍त जेल की सजा भुगतनी होगी। लालू यादव छह जनवरी वाले सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे। जहां से उन्‍हें झटका मिला है। इसके बाद अब लालू के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का ही रास्‍ता बचा है। अगर लालू यादव को देवघर मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल भी जाती है तब वो भी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। क्‍योंकि 24 जनवरी को जिस केस में उन्‍हें सजा मिली है उसके लिए भी उन्‍हें पहले हाईकोर्ट ही जाना होगा।

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इस बीच चारा घोटाला मामले के दो और केस में भी सीबीआई की अदालत जल्‍द ही सजा का एलान करने वाली है। पहले उम्‍मीद की जा रही थी कि फरवरी के अंत तक इन केसों में भी लालू पर फैसला सुना दिया जाएगा। लेकिन, अब लग रहा है कि होली के बाद ही इस पर अदालत का फैसला आएगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि लालू के अरमानों पर पानी फिर गया है। लालू यादव जब भी अपनी पेशी पर सीबीआई कोर्ट जाते हैं वहां पर वो जज साहब से रहम की भीख जरुर मांगते हैं। इससे पहले वाली पेशी पर भी वो जज शिवपाल सिंह से रहम की गुहार लगाते हुए नजर आए थे। लालू का कहना था कि होली से पहले इस केस में फैसला सुना दिया जाए ताकि वो आराम से होली बना सकें। लालू की इस गुहार पर जज ने भी मुस्‍कुरा कर कहा था कि वो जल्‍द ही अपना फैसला सुनाएगा। लालू अब कितने भी जतन कर लें लेकिन, उनकी होली जेल में ही मनेगी।