पहले से ही रची जा चुकी थी केजरीवाल के घर मुख्य सचिव पर हमले की साजिश ?
क्या मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमले की प्लानिंग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर पहले से ही रची जा चुकी थी ? जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल।
New Delhi Feb 24 : सोमवार की रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर जो कुछ हुआ वो सबके सामने है। किस तरह से मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला किया गया इस बात का भी खुलासा हो चुका है। मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन भी दिल्ली पुलिस के सामने ये बयान दे चुके हैं कि उनकी नजरों के सामने ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को पीटा जा रहा था और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने विधायकों को रोकने की बजाए चुपचाप बैठे तमाशा देख रहे थे। इन सब के बीच एक सवाल खड़ा हो गया है कि क्या मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर मुख्यमंत्री आवास पर हमले की प्लानिंग पहले से ही कर ली गई थी। या फिर जो कुछ भी हुआ वो गुस्से और आवेश में हुआ। दिल्ली पुलिस इन सारे सवालों के जवाब तलाश रही है। माना जा रहा है कि इन सवालों के जवाब उसे मुख्यमंत्री आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे से मिलेंगे। जिन्हें पुलिस जब्त कर चुकी है।
दरअसल, मुख्य सचिव की पिटाई की प्लानिंग के ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर से जो 21 सीसीटीवी कैमरे सीज किए हैं उसमें कईयों में छेड़छाड़ के संकेत मिले हैं। इसके साथ ही पुलिस ने बताया है कि सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग के साथ भी छेड़छाड़ किया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मुख्यमंत्री आवास में मौजूद कैमरों की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे चल रही थी। जाहिर है सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की नियत से ही ऐसा किया गया होगा। वैसे भी सोमवार की रात 12 बजे जब मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला हुआ था उसके बाद भी सीएम आवास से एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया गया था। जिसमें दिख रहा था कि वो केजरीवाल के घर से बाहर निकल रहे हैं और उनके पीछे आम आदमी पार्टी का एक विधायक भी है। जो उनसे कुछ बात कर रहा है।
उस फुटेज की टाइमिंग भी साढ़े ग्यारह के आसपास की ही थी। यानी सीसीटीवी फुटेज की टाइमिंग में पहले से ही छेड़खानी की जा चुकी थी। इस बीच दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने भी क्राइम सीन का जायजा लिया। नॉर्थ दिल्ली के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ADCP) हरेंद्र कुमार सिंह का कहना था कि उनकी ओर से मुख्यमंत्री आवास को बीस तारीख को ये कह दिया गया था कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज चाहिए। लेकिन, इसके बाद मुख्यमंत्री आवास से इस संबंध में कोई भी जवाब नहीं आया। इसी कारण पुलिस को उनके घर पर जाकर सीसीटीवी फुटेज का जब्त करना पड़ा। पुलिस टीम के साथ फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट की भी टीम थी। जिसने मौका-ए-वारदात पर पूरी जांच की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई की प्लानिंग पहले से ही कर ली गई थी।
क्या इसी प्लानिंग के तहत अंशु प्रकाश को सोमवार की रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के लिए बुलाया गया। वो भी अकेले। क्या पूर्व नियोजित प्लानिंग के तहत ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने अंशु प्रकाश को करीब आठ बजे फोन कर मिडनाइट मीटिंग में आने को कहा था। हालांकि वीके जैन का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इस मीटिंग में आम आदमी पार्टी के विधायक भी मौजूद रहेंगे। इस बात का पता उन्हें तब चला जब वो सीएम आवास पर पहुंचे। इस केस में बहुत सारी ऐसी बातें हैं तो बार-बार इस ओर इशारा कर रही हैं कि सोमवार की रात केजरीवाल के घर पर जो भी हुआ वो अचानक नहीं था। पहले से ही हमले की तैयारी करके रख ली गई थी। शायद उसी प्लानिंग के तहत ही अंशु प्रकाश को विधायकों के बीच बिठाया गया। ताकि अचानक उन पर हमला किया जा सके। इसके लिए ऐसे कमरे को चुना गया जहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगा था।