कुमार विश्वास एक नेता का नाम बहुत ले रहे हैं, अमेठी से दिया बयान, लोग कन्फ्यूज

कविराज कुमार विश्वास अपने दर्द को लगातार जनता के सामने निकाल रहे हैं, वो एक नेता का अक्सर जिक्र करते हैं, जिस से कुछ संकेत मिल रहे हैं।

New Delhi, Feb 24: आम आदमी पार्टी विवादों से घिरी हुई है, मुख्य सचिव के साथ मारपीट के आरोप में दो विधायक जेल में हैं, केजरीवाल को समझ नहीं आ रहा है कि वो कैसे दिल्ली में शासन करें, अफसर बैठक में नहीं आ रहे हैं, वैसे पिटाई कांड के बाद कौन अफसर मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होने के लिए आएगा। पार्टी की लोकप्रियता और भरोसा कम हो रहे हैं। ऐसे में अभी भी पार्टी के सदस्य कुमार विश्वास की कमी निश्चित तौर पर खल रही होगी, कुमार ऐसे मौकों पर पार्टी के लिए ट्रबल शूटर का काम किया करते थे। बहरहाल विश्वास को आप ने किनारे कर दिया है, इसका दर्द अक्सर उनकी बातों से निकलता है, अपने दर्द को बयान करने के लिए विश्वास एक नेता का नाम बहुत लेते हैं।

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अमेठी में एक कवि सम्मेलन में पहुंचे कुमार विश्वास ने कविता की जगह राजनीतिक तंज जमकर कसे, लोग उनकी कवििता सुनने के लिए पहुंचे थे, लेकिन कविराज तो राजनीति के दर्द को जाहिर कर रहे थे, उन्होंने कहा कि वो देश की राजनीति में सबसे कम उम्र के आडवाणी हैं। ये पहली बार नहीं है जब कुमार ने आडवाणी का नाम लिया है, वो कई बार आडवाणी के साथ अपनी तुलना कर चुके हैं, ये तुलना केवल पार्टी में जिम्मेदारी और कद को लेकर है, आडवाणी के अनुभव के आस पास भी कुमार नहीं है। सवाल तो इस बात को लेकर भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर कुमार बार बार आडवाणी के साथ अपनी तुलना क्यों करते हैं। वो देश के डिप्टी पीएम तक रह चुके हैं, जबकि कुमार किसी भी पद पर नहीं रहे हैं।

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कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर भी हमला किया, उन्होंने कहा कि अमेठी जिस हालत में 4 साल पहले थी, उसी हाल में आज भी है,, सड़कों पर जहां चार साल पहले गड्ढे थे, आज भी वो गड्ढे मुंह चिढ़ा रहे हैं। कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि अमेठी ने अपनी विरासत को संभाल कर रखा है। अमेठी के लोगों में बहुत धैर्य है, उस को सलाम करता हूं। इसी दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं पर भी हमला किया, कुमार ने कहा कि वो संजय नाम के लोगों को राज्यसभा भेजनने में मदद करते हैं। उनका इशारा कांग्रेस नेता संजय सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह की तरफ था। कुल मिलाकर कुमार का दर्द जिस तरह से निकल रहा है और जिस राह पर जा रहा है उसकी मंजिल केवल एक ही पार्टी दिख रही है।

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बीजेपी के कई नेताओं के साथ कुमार विश्वास के मधुर संबंध हैं,वो कांग्रेस पर हमला करते हैं, लेकिन बीजेपी पर तंज कसते हैं, तीखा हमला नहीं करते हैं, ऐसे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, कई बार खुद कुमार इसके संकेत दे चुके हैं। लेकिन अभी तक उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, एक बात तो साफ है कि अगर कुमार को राजनीति करनी है तो दल बदलना होगा, आम आदमी पार्टी में उनके लिए कोई भूमिका नहीं है, उनको किनारे लगाा जा चुका है, ये बात कुमार भी समझ चुके हैं, कांग्रेस में जाने के आसार कम ही हैं, ऐसे में बीजेपी की विकल्प बचता है, हालांकि सियासत है यहां कुछ भी हो सकता है, हो सकता है कि कल को कुमार कांग्रेस में जाकर राहुल गांधी का गुणगान करने लगे।