‘बिजली गिराने मैं हूं आई…’

सदमा का करुण क्लाइमेक्स कमल हासन की वजह से भुलाये नहीं भूलता. लेकिन सदमा की कहानी तो रेशमी यानी श्रीदेवी की कहानी थी।

New Delhi, Feb 25 : पिछले साल ही तो श्रीदेवी ने फिल्मों में 50 साल पूरे किये थे. एक लम्बी शानदार, कामयाब यात्रा का इतना अचानक, असमय अंत. बहुत दुखद . श्रीदेवी सही मायनों में सम्पूर्ण अभिनेत्री थीं. सदमा का करुण क्लाइमेक्स कमल हासन की वजह से भुलाये नहीं भूलता. लेकिन सदमा की कहानी तो रेशमी यानी श्रीदेवी की कहानी थी. अभिनय के लिहाज़ से सदमा श्रीदेवी की भी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में गिनी जाएगी. जिस साल जीतेन्द्र के साथ हिम्मतवाला आयी थी और पीतल के कलसों के इर्द गिर्द अप्सरा की पोशाक में नाचती श्रीदेवी को लेदर जैकेट और चुस्त पैंट के चलते Thunder thighs का ख़िताब मिला था, उसी साल सदमा आयी थी जो तमिल फिल्म मुन्दरम पिरई का रीमेक थी.

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याददाश्त खो चुकी एक युवती के एक बच्ची की तरह व्यवहार करने का जटिल अभिनय श्रीदेवी ने कमाल का निभाया था.जिन्होंने फिल्म देखी है, उन्हें ‘हरिप्रसाद’ वाला सीन याद होगा.
ग्लैमर के पैमाने पर तो उनके खाते में तोहफा, हिम्मतवाला, मकसद, मवाली और मास्टरजी से लेकर मिस्टर इंडिया, चांदनी, चालबाज़ , लम्हे, खुदा गवाह, नगीना और निगाहें तक की लम्बी फेहरिस्त है.
मिस्टर इंडिया में ‘काटे नहीं कटते ये दिन ये रात’ गाने में नीली साड़ी में श्रीदेवी का सम्मोहन फिल्मों का कौन दीवाना भूल सकता है. सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया में यही गाना एक अलग ढंग से शर्मीली नायिका के प्रेम की सार्वजनिक अभिव्यक्ति का माध्यम बनता है.

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मिस्टर इंडिया में चार्ली चैपलिन की नक़ल में श्रीदेवी ने कॉमेडी पर पकड़ दिखाई थी जो बाद में चालबाज़ की दोहरी भूमिका में और मज़बूती से सामने आयी.sridevi6
जिन्होंने राम गोपाल वर्मा की फिल्म मस्त देखी होगी, उन्हें वो सीन ज़रूर याद होगा जब एक Sridevi का फैन बना पात्र Sridevi को छीन ले जाने के लिए बोनी कपूर को कोसता है. राम गोपाल वर्मा खुल कर यह बात कहते थे कि वो श्रीदेवी के बहुत बड़े दीवाने हैं.

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अगर यह कहा जाय कि वो हिंदी सिनेमा की आखिरी महारानी थीं, तो शायद गलत नहीं होगा. माधुरी दीक्षित ने उनसे नंबर वन का ख़िताब तो झटक लिया था लेकिन Sridevi के रुतबे को कोई आंच नहीं आयी. बाद में आयी अभिनेत्रियों में से कोई भी प्रतिभा के बावजूद उनके जैसा जादुई असर नहीं छोड़ पायी.sridevi1
अपनी बड़ी बेटी जाह्नवी की फ़िल्मी पारी की शुरुआत और उसकी पहली फिल्म को परदे पर देखने के लिए उत्साहित थीं लेकिन नियति ने उन्ही की कहानी पर द एन्ड लिख दिया.

(वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं।