राहुल गांधी चाहते हैं कि पीएम मोदी बोले, जब वो बोलते हैं तो कांग्रेस कांप उठती है

राहुल गांधी बार बार पीएम मोदी को उकसा रहे हैं कि वो पीएनबी पर बोलें, कांग्रेस के बाकी नेता इतनी गर्मजोशी से ये मांग नहीं कर रहे हैं, कारण जानते हैं

New Delhi, Feb 25: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फिलहाल कर्नाटक के दौरे पर हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वो प्रचार के लिए गए हैं, राहुल के लिए देश में मोदी से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है, हम पीएम मोदी की बात नहीं कर रहे हैं, नीरव मोदी की कर रहे हैं, जिस पर पंजाब नेशनल बैंक के हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप है, राहुल ने कर्नाटक से इसी मुद्दे के जरिए मोदी सरकार पर हमला किया। राहुल के तरकश में राफेल डील के तीर भी हैं, लेकिन वो अब कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री इन सारे मुद्दों पर बोलते ही नहीं है। कुछ दिन पहले ही राहुल ने मोदी पर खुद ही भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा दिया था।

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ये अलग बात है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के आरोपों पर ज्यादा कुछ नहीं बोलते हैं, वन मैन आर्मी की तरह ही राहुल सारे हमले खुद कर रहे हैं, या फिर ये कांग्रेसियों की मजबूरी है कि वो राहुल के सामने ज्यादा बड़े ना दिखने लगें, बहरहाल राहुल ने कहा कि मोदी जी पीएनबी, राफेल डील पर कुछ नहीं बोल रहे हैं, वो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।इन सारी बातों पर अगर गौर किया जाए तो राहुल एक तरह से पीएम मोदी को मनमोहन सिंह की तरह पेश करना चाह रहे हैं, ये अलग बात है कि इस से भी कांग्रेस को ही नुकसान होगा, बड़ा मुद्दा ये है कि कांग्रेस के नेता राहुल की तरह मोदी के बोलने का इंतजार नहीं कर रहे हैं, उनको पता है कि जब मोदी बोलंगे तो कई दिनों तक कांग्रेस को उस हमले का दर्द सताता रहेगा।  

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एक नहीं कई बार ये बात साबित हो गई है, कांग्रेस की भलाई इसी में है कि मोदी ना बोलेंगे, लेकिन राहुल गांधी शायद अपनी पार्टी की भलाई नहीं चाहते हैं, वो बार बार पीएम मोदी को उकसा रहे हैं, कि वो बोलें, लोकसभा से लेकर रज्यसभा तक जब भी मोदी बोलें हैं तो कांग्रेस में हड़कंप मच जाता है, कांग्रेस के सारे नेता एक साथ मिल कर डैमेज कंट्रोल में लग जाते हैं, दरअसल मोदी की भाषण कला और कांग्रेस की सरकारों के भ्रष्टाचार मिल कर ऐसा मिश्रण तैयार करते हैं जिसका जवाब ना तो राहुल के पास होता है ना किसी और नेता के पास होता है, ऐसे में राहुल के लिए बेहतर यही रहेगा कि मोदी ना बोलें,

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संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने जब भी भाषण दिया है कांग्रेस का कोई नया घोटाला सामने पेश किया है, अपनी बातों से जनता का भरोसा जीतने में मोदी माहिर हैं, उनको उकसा कर, बार बार एक ही मुद्दे पर बोल कर राहुल अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। राफेल डील के मुद्दे पर सरकार की तरफ से एक नही कई बार बयान जारी किया गया है, वहीं पंजाब नेशनल बैंक के मसले पर भी सरकार की तरफ वित्त मंत्री बोल चुके हैं, उसके बाद भी राहुल ये मांग कर रहे हैं कि मोदी जी इस पर कुछ बोलें, दरअसल मोदी सही मौके का इंतजार कर रहे हैं, वो बोलेंगे तो जरूर, लेकिन जब बोलेंगे उस समय राहुल गांधी कहीं दूर बैठे खिसियानी हंसी हंस रहे होंगे, जनता को फैसला करने दें, राहुल अगर मोदी नहीं बोलेंगे तो ये बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन उनके बोलने से निश्चित तौर पर कांग्रेस को ही नुकसान होगा।