शिवपाल यादव तो ‘महाखिलाड़ी’ निकले, राहुल गांधी को पप्पू से ‘लल्लू’ बना दिया

राहुल गांधी शिवपाल यादव के सहारे जो सपना देख रहे हैं उस सपने में मुलायम सिंह यादव ने पंचर कर दिया है. राहुल की कोशिश फिर से नाकाम होती दिख रही है।

New Delhi, Feb 25: उत्तर प्रदेश भी उन राज्यों में से है, जहां पर राहुल गांधी से बहुत ज्यादा उम्मीद की जा रही थी, सपा की साइकिल पर सवार हो कर कांग्रेस ने सत्ता में वापसी के ख्वाब देखे थे, जब चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस का पंजा बीजेपी की आंधी में कहीं उड़ गया, साइकिल तो पहले से पंचर थी, साइकिल से उतरने वालों में सबसे पहले थे शिवपाल यादव, जो मुलायम सिंह के भाई हैं, अखिलेश के चाचा हैं, लेकिन अखिलेश ने अपने ही चचा को पार्टी में बेगाना कर दिया।  अब वही शिवपाल यूपी में हॉट केक हो गए हैं। उनके कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि वो जल्दी ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।

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बीएसपी के पूर्व नेता नसीमुद्दीन के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अगला नंबर शिवपाल यादव का ही है। ये कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की बात हो सकती है, दो ऐसे नेता मिल रहे हैं जो संगठन के आदमी माने जाते हैं. जिनकी कार्यकर्तओं में अच्छी पकड़ है। ऐसे में कांग्रेस अध्य़क्ष राहुल गांधी के लिए खुशी का मौका है, प्रदेश में कांग्रेस फिर से खड़ी हो सकेगी। मगर शिवपाल को लेकर कुछ संशय भी हैं। कहा जा रहा है कि वो कांग्रेस में अपनी शर्तों पर आएंगे, उनकी शर्तें कुछ ऐसी हैं जो राहुल को पसंद नहीं आएंगी। अभी तक इस बारे में खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन अगर वो कांग्रेस में आ जाते हैं  यूपी के सियासी समीकरण बदल सकते हैं, अखिलेश और माया के सामने कोई रास्ता नहीं बचेगा सिवाय इसके कि वो कांग्रेस के साथ मिल कर महागठबंधन तैयार करें।

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लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा, शिवपाल के अब तक के सियासी करियर को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि वो अपनी बातों पर टिक नहीं पाते हैं। संगठन में उनकी पकड़ बिना शक अच्छी है. लेकिन सियासी समझ को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। सपा में दरकिनार किए जाने के बाद शिवपाल ने पहले कहा था कि वो अपनी पार्टी बनाएंगे, लेकिन फिर वो नहीं बनाई, मुलायम सिंह के दखल के बाद से वो शांत हैं, शिवपाल के कांग्रेस में जाने के बीच में केवल मुलायम सिंह का रोड़ा है, मुलायम अक्सर अपने भाई को मना लेते हैं। नेताजी की बात को शिवपाल टालते भी नहीं है। कांग्रेस शिवपाल के स्वागत के लिए तैयार है, लेकिन उसे डर सिर्फ मुलायम का है, यूपी चुनाव के समय मुलायम कांग्रेस और सपा के गठबंधन के खिलाफ थे।

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तो ऐसे में राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में जो सियासी खिचड़ी तैयार करना चाहते हैं, उसके सारे मसाले उनके सामने हैं, बस मिलावट की देर है, हालांकि ऐसा होना संभव नहीं है। सीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में आने से जो कांग्रेसी खुश हो रहे हैं उनको समझ लेना चाहिए कि नसीमुद्दीन केवल राजनीतिक संरक्षण के लिए ही कांग्रेस में आए हैं, उनको पता है कि वो सुरक्षित तभी रह सकते हैं जब उनके सिर पर किसी बड़े दल का साया हो, शिवपाल के साथ ये समस्या नहीं है, वो अपने आप में बरगद का पेड़ हैं, जिसे अपनी ताकत का अंदाजा ही नहीं है। मुलायम किसी भी कीमत पर शिवपाल को कांग्रेस के खेमे में नहीं जाने देंगे। मुलायम की राजनीति में सक्रियता भले ही कम हो गई हो, लेकिन उनकी दूरदर्शिता पर शिवपाल संदेह नहीं कर सकते हैं। ऐसे में शिवपाल के आने की उम्मीद लगाए राहुल गांधी फिर से पप्पू बन सकते हैं।