‘योगी की राजनीति असल में नीतिगत हिंसा की राजनीति है’
जनता ने यूपी के उपचुनावों में इसी राजनीति को ठुकराया है। बहुजनों की एकता ही पूरे देश में भाजपा की इस जनविरोधी राजनीति का सामना कर सकती है।
New Delhi, Mar 17 : गोरखपुर की जनता ने इस चुनाव में बच्चों को श्रद्धांजलि दी है। जब बच्चे ऑक्सीजन की कमी से मर रहे थे तब योगी ने करोड़ों रुपये खर्च करके धर्म के नाम पर मॉडल बुलवा कर हेलीकॉप्टर से फूल बरसवाया था क्योंकि इनको मन में बसने वाले ‘राम’ की भाषा नहीं बल्कि ‘नाथूराम’ की भाषा समझ में आती है|
यूपी को मेडिकल सेवाओं के मामले में पहले नंबर पर बताने वाले योगी ने शायद केंद्र सरकार की वह रिपोर्ट नहीं देखी जिसमें यूपी स्वास्थ्य के मामले में सबसे नीचे है। योगी की राजनीति असल में नीतिगत हिंसा की राजनीति है।
इसमें न तो बेरोज़गारों के लिए नौकरी है और न शिक्षा-स्वास्थ्य की बेहतरी की कोई नीति। जातिगत शोषण को बढ़ावा देकर जनता के सुख-चैन की कीमत पर बड़ी कंपनियों के मुनाफ़े में लगातार बढ़ोतरी करना ही इस राजनीति का मकसद है।
भीम सेना के चंद्रशेखर आज़ाद रावण पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें अभी तक जेल से बाहर नहीं आने दिया गया है। जनता ने यूपी के उपचुनावों में इसी राजनीति को ठुकराया है। बहुजनों की एकता ही पूरे देश में भाजपा की इस जनविरोधी राजनीति का सामना कर सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस उपचुनाव की जीत बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन छोटी भी नहीं है। यदि मनुवाद की राजनीति के खिलाफ समतावाद का सामाजिक गठजोड़ बने तो अजेय को पराजित होने में वक्त नहीं लगता। पहले बिहार ने, अब यूपी ने रास्ता दिखाया है!
लड़ेगें जीतेंगे।