‘गरुड़’ पर सवार एक ‘विवश’ मुख्यमंत्री !

भाजपा हाईकमान ने CM योगी को उत्तर प्रदेश में ‘बँटाईदार- मुख्यमंत्री ’ (Sharecropper CM) बना के रखा दिया है।

New Delhi, Mar 18 : CM योगी, भ्रष्ट मंत्रियों व नौकरशाहों के ‘पिंजड़े’ में क़ैद, ईमानदारी की कुल्हाड़ी कंधे पर ताने एक ‘लाचार’ लक्कड़हारे के रूप में दिखते है! भाजपा हाईकमांड ने CM योगी को उत्तर प्रदेश में ‘बँटाईदार- मुख्यमंत्री ’ (Sharecropper CM) बना के रखा दिया है। दो उपमुख्यमंत्री- दिनेश शर्मा और केशव मौर्य और ऊपर से एक ‘सुपर-सीएम’ सुनील बंसल, दो मंत्रीगण तो ऐसे हैं जो दिल्ली से आए सीधे हाईकमांड के ‘चाकर’ हैं और उनके विभागों की हालत बहुत ख़स्ता है और वे लखनऊ से ज़्यादा दिल्ली में रहते हैं, अर्थात कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में एक ‘Split -Leadership’ (विभाजित नेतृत्व ) है। और CM योगी को पूर्ण-निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

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नौकरशाही भी कन्फ़्यूज़ है कि किसकी सुने और किसकी नहीं, असली मुख्यमंत्री कौन है ? अर्थात CM योगी एक Caged CM (पिंजरे में क़ैद मुख्यमंत्री) के रूप में विराजमान हैं। किसी उच्च अधिकारी की पोस्टिंग करने का अधिकार भी दिल्ली व सुनील बंसल को है, CM योगी तो ख़ाली मुहर लगाते हैं। कुछ प्रमुख सचिवों/आईएएस अधिकारियों को दिल्ली से premature repatriation कर लाया गया है। सीधे दिल्ली से ‘क्या करना और क्या नहीं’ बताकर भेजा गया है, वे CM योगी की नहीं अपितु ‘दिल्ली’ की ज़्यादा सुनते हैं और CM योगी की खुफियागिरी भी करते हैं, ये IAS अधिकारी सचिवालय में ‘दिल्ली-वाले’ अधिकारियों के रूप में जाने जाते हैं। यदि कोई निर्णय CM योगी द्वारा अपने स्तर पर ले भी लिए जाते हैं, ‘दिल्ली-वाले’ ये IAS अधिकारी सारी बातों को अपना रंग देकर दिल्ली में जुगलख़ोरी कर देते हैं।

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पंचमतल (CM office) में RSS व संगठन से लाकर कुछ ओएसडी बैठाए गए हैं, जो केवल खुफियागिरी करते हैं और इन सबने CM योगी के नाक में दम कर रखा हैं। एक OSD केवल बालू/मौरंग के ठेकों का काम के लिए जिलाधिकारियों को फ़ोन करते रहते हैं, उनके आका ‘सुनील बंसल’ जी स्वयं जो ठहरे, उनके call details निकलवा कर देखे जा सकते हैं, ज़रा इन OSDs का कार्यविभाजन देखा लिया जाए तो पता चलेगा कि ये महानुभाव CM office में वास्तव में करते क्या हैं ? प्रदेश में कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप हैं, खनन, ट्रांसपोर्ट, पीडबल्यूडी, शराब, पंजीरी, गन्ना, पंचायती राज आदि विभागों में भ्रष्टाचार रुक नहीं पा रहा है।

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थानों व तहसील स्तर पर बिना पैसे के काम नहीं हो रहे हैं और CM योगी विवशतावश कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अन्य दलों से भाजपा में आए लोग दलाली कर रहे हैं और दूसरी तरफ़ भाजपा के ईमानदार /निष्ठावान कार्यकर्ताओं के सही काम भी नहीं हो रहे हैं। वैसे तो प्रदेश में कई जहाज़ व हेलिकॉप्टर हैं जो अक्सर आसमान में उड़ते देखे जा सकते हैं, लेकिन कितना सुखद है कि उत्तर प्रदेश में CM के मुख्य हवाई जहाज़ का नाम ‘गरुड़’ है। जो भगवान विष्णु का भी वाहन है। वाहन तो गरुड़ है लेकिन इस पर सवार मुख्यमंत्री दिल्ली के ‘पिंजड़े’ में क़ैद है। इसीलिए स्वयं ईमानदार होने के बावजूद भी CM योगी भ्रष्ट मंत्रियों व सुनील बंसल के संरक्षण प्राप्त भ्रष्ट उच्च अधिकारियों का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे हैं। इस लिए CM योगी को गरुड़ पर सवार और हाईकमांड के ‘पिंजड़े-में-क़ैद’ एक मुख्यमंत्री कहा जा रहा है। कुछ लोग उपचुनावों में हुई हार का ठीकरा CM योगी के सर पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और अफ़वाह फैलाईं जा रही है कि CM योगी को २०१९ से पूर्व हटा दिया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश में एक ऐसा विद्रोह होगा कि भाजपा को सम्भालना मुश्किल हो जाएगा और २०१९ में भाजपा का बंटाधार होना कोई रोक नहीं पाएगा।
CM योगी को प्रदेश में रहकर काम नहीं करने दिया जा रहा है, आधे समय प्रदेश से बाहर ही रहते हैं।
यदि CM योगी को स्वच्छंद होकर काम नहीं करने दिया गया तो गोरखपुर व फूलपुर की तरह २०१९ में भी भाजपा का कहीं यही हश्र फिर न हो जाए !

(रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)