उत्तराखंड के मेडिकल छात्रों और अभिभावकों के नाम एक पत्र
उत्तराखंड : आप सभी 650 छात्रों और माता-पिताओं ने 48 घंटे के भीतर यह असर देखा कि अगर पत्रकारिता जनता की तरफ रहे तो जनता को कितना लाभ हो सकता है।
New Delhi, Apr 01 : बहुत शुक्रिया। आपको ख़ुशी हुई और फायदा हुआ। मुख्यमंत्री रावत ने फीस वृद्धि की वापसी का एलान कर दिया है। उम्मीद है वे कैबिनेट का फैसला भी वापस लेंगे। एक साल की फीस 6 लाख से बढ़कर 23 लाख कर दी जाए यह अमानवीय है और आर्थिक ग़ुलामी भी। आप सभी 650 छात्रों और माता-पिताओं ने 48 घंटे के भीतर यह असर देखा कि अगर पत्रकारिता जनता की तरफ रहे तो जनता को कितना लाभ हो सकता है।
आपसे एक और गुज़ारिश है। अगर आप किसी भी तरीके से सांप्रदायिक बातों का समर्थन करते हैं तो उसमें बदलाव कीजिए। आप या आप नहीं तो आपके बच्चे कभी भी दंगाई माहौल के चपेट में आ सकते हैं। उनके भीतर किसी से नफ़रत करने का ख़्याल आ सकता है, किसी की हत्या करने का विचार आ सकता है। हत्या की शुरूआत नफ़रत से होती है।
आप चाहें हिन्दू हैं या मुसलमान हैं। मैं सभी से कह रहा हूं। भारत की राजनीति ग़लत दिशा में जा रही है। जिस तरह से मैं आप या आपके बच्चों के लिए खुल कर बोलता हूं उसी तरह आपको भी अपने और पड़ोसी के बच्चों के लिए खुलकर सांप्रदायिकता का विरोध करना होगा।
वरना एक दिन आप तो बच जाएंगे मगर आपकी नागरिकता चली जाएगी। तब कोई मीडिया आपके लिए नहीं होगा। क्या पता मैं भी न रहूं। मैं सम भाव में यकीन करता हूं। गीता का यही सार है। तारीफ और गाली दोनों बराबर से खाता हूं। आप लोगों के ज़रिए जितना अपमान सहा है और जितना प्यार मिला है वो सब लौटाता हूं। मैं लौटाता भी रहता हूं। मैं अपने पथ पर अकेला जाता हूं। रवीश कुमार