कर्नाटक चुनाव दिलचस्प मोड़ पर, मोदी और देवगौड़ा क्यों कर रहे एक दूसरे की तारीफ ?

देवगौड़ा ने कहा- 2014 के चुनाव से पहले मैंने कहा था कि अगर भाजपा को अपने बलबूते बहुमत मिलता है तो मैं अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा ।

New Delhi, May 05 : क्या कर्नाटक में बीजेपी और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडीएस के बीच कोई खिचड़ी पक रही है ? कर्नाटक और दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में यह सवाल तेजी से तैर रहा है। यह सवाल पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम देवगौड़ा द्वारा सार्वजानिक रूप से एक दूसरे की तारीफ करने से खड़ा हुआ है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। अबतक के सर्वेक्षणों में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान बताया जा रहा है। ऐसे में मौजूदा पीएम और पूर्व पीएम द्वारा एक दूसरे की तारीफ यूँ ही नहीं है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की तारीफ की थी। उनकी तारीफ से गदगद देवगौड़ा ने पीएम मोदी की तारीफों के पुल बाँध दिए। बुधवार को देवगौड़ा ने कहा कि वह लोकसभा सदस्य केवल मोदी की वजह से बने हुए हैं। जेडीएस प्रमुख ने कहा कि लोकसभा सांसद के तौर पर यदि वह बेहतर काम कर रहे हैं तो इसकी वजह पीएम मोदी हैं। उन्होंने पीएम मोदी के प्रोत्साहित करनेवाले व्यवहार की भी काफी तारीफ की।
देवगौड़ा ने कहा- 2014 के चुनाव से पहले मैंने कहा था कि अगर भाजपा को अपने बलबूते बहुमत मिलता है तो मैं अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा ।

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नतीजों के बाद मैं इस्तीफा देने वाला था, लेकिन मोदी ने मुझे ऐसा ना करने के लिए मना लिया। उन्होंने कहा कि देश को अनुभवी और वरिष्ठ नेता की सेवाओं की जरूरत है। अतः आप इस्तीफा न दें , सदन में बने रहें। देवगौड़ा यही नहीं रुके उन्होंने पीएम मोदी को एक स्मार्ट राजनेता बताया।
देवगौड़ा ने कहा- मोदी को मालूम है कि कर्नाटक की राजनीति में क्या हो रहा है। उन्हें यह भी पता है कि राहुल गांधी ने मेरे बारे में क्या कहा था। इन्हीं कारणों से उन्होंने सम्मान और शिष्टाचार के नाते मेरी तारीफ की है। लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि हमारे बीच के राजनीतिक मतभेद खत्म हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी के साथ किसी तरह के गठबंधन की बात से भी इंकार किया है।

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कांग्रेस इसे बीजेपी और जेडीएस के बीच सांठगांठ के रूप में पेश करने की कोशिश में है। उसे एक मुद्दा मिल गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि मोदी का देवगौड़ा की तारीफ करना एक राजनीतिक बयान है और यह साफ दिखाता है कि बीजेपी और जेडीएस के बीच चुनाव को लेकर मौन सहमति है। बीजेपी और जेडीएस नेता बीजेपी एक दूसरे की आलोचना नहीं करते। इसके पूर्व सिद्धारमैया यह कह चुके हैं कि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर गठबंधन के बारे में बात कर चुके हैं।
बहरहाल सच जो भी हो ,राजनीति में किसी की तारीफ या निंदा के पीछे बहुत कुछ होता है। पीएम मोदी जैसे नेता जब किसी विपक्षी नेता की तारीफ करें तो उसे सिर्फ शिष्टाचार या बुजुर्ग के प्रति सम्मान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। इसे त्रिशंकु विधानसभा की सर्वे रिपोर्ट से जोड़ कर देखा जाना चाहिए। एक समय पीएम मोदी ने शरद पवार की भी तारीफ की थी। उसका परिणाम सामने है। इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में दोनों दल मिलकर कर्नाटक में सरकार बनायें। 2012 में भी दोनों दल मिलकर सरकार चला चुके हैं।

(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)