‘ये मान लेने में क्या हर्ज है कि साठ सालों में जो -जो कांग्रेस ने किया है, वो सब हम भी करें’
मान लीजिए तो बात खत्म दिलचस्प तो ये है कि भक्त कहने पर चिढ जाने वाले बुद्धिजीवी और पत्रकार कांग्रेस के अतीत की तो बात कर रहे हैं , बीजेपी के वर्तमान की नहीं।
New Delhi, May 17 : कांग्रेसी सरकारों ने साठ सालों में ऐसे धतकरम बहुत बार किए हैं. राज्यों में भी और केन्द्र में भी . झामुमो नेताओं से लेकर रामलखन यादव तक को कैसे खरीदकर नरसिंह राव ने अपनी सरकार बचाई थी , वो सब तो हमने अपनी आंखों से देखा था . राज्यपालों को अपना एजेंट बनाकर कांग्रेस सरकारों ने कब -कब ऐसे खेल किए , विस्तार से बताने की जरुरत नहीं .
खुद गूगल करके देख लीजिए .
अब वही सब बीजेपी कर रही है . उत्तराखंड से लेकर गोवा , मणिपुर और मेघालय के बाद अब कर्नाटक में, तो मान लेने में क्या हर्ज है कि साठ सालों में जो -जो कांग्रेस ने किया है , वो सब हम भी करेंगे .
धरकरम का जवाब धतकरम से देंगे . इतनी सी तो बात है .
मान लीजिए तो बात खत्म दिलचस्प तो ये है कि भक्त कहने पर चिढ जाने वाले बुद्धिजीवी और पत्रकार कांग्रेस के अतीत की तो बात कर रहे हैं, बीजेपी के वर्तमान की नहीं . बार -बार साबित करने में जुटे हैं कि राज्यपाल ने कोई गलती नहीं की .
बीजेपी तो दूध की धुली है .कांग्रेस ने ये किया . कांग्रेस ने वो किया . किया न . तो बीजेपी ने भी चार सालों में बहुत कुछ किया . उत्तराखंड में कोर्ट से बेआबरु हुए . गोवा और नार्थ इस्ट में राज्यपालों का इस्तेमाल करके सत्ता में आए .
भक्ति ऑप्टिकल का चश्मा पहनकर झाल और गाल बजाने वाले ऐसे लोग एक बार अपना चेहरा आइने में देखें फिर बात करें . और हाँ , कांग्रेस के लिए यही बात डंके की चोट पर तब भी कहते थे , जब कांग्रेसी सरकारें थी .