जब कांग्रेस के गर्भ गृह से निकला था ‘आया -राम गया राम’

हरियाणा में दल -बदलुओं के प्रेरणा पुरुष भजन लाल हुए . कांग्रेस के महान नेता . विधायकों की मंडी के जनकों में से एक।

New Delhi, May 21 : जब भी दल-बदल से सरकारें बनती -गिरती हैं , तो ‘आया राम -गया राम ‘ जैसे जुमले का जिक्र होता है . क्या आपको पता है कि ये ‘आया राम -गया राम’ वाला जुमाल आया कहां से ? कांग्रेस के गर्भ गृह से . साठ के दशक में लालों वाले हरियाणा में एक लाल गया लाल हुए थे . हसनपुर से कांग्रेस के विधायक थे . तुरंत -तुंरत तीन बार दल -बदल करके उन्होंने एक कीर्तिमान बनाया था और देश को इस हरियाणा की तरफ से ये जुमला तोहफे में दिया था .

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पहले वो कांग्रेस छोड़कर यूनाइटेड फ्रंट में गए . फिर कांग्रेस में वापस आए . फिर यूनाइटेड फ्रंट में गए . आखिर में जब वो अपनी मूल पार्टी में लौटे तो कांग्रेस नेता राव बीरेन्द्र सिंह ने चंडीगढ़ के प्रेस कान्फ्रेंस में कहा – ‘ गया राम अब आया राम हैं ‘ . तब बीरेन्द्र सिंह को क्या पता कि वो देश को दशकों के लिए एक नया जुमला या मुहावरा पेश कर रहे हैं . जब भी किसी सियासी चमन का कोई ऐसा दीदावर पाला बदलेगा तो आया राम -गया राम ही कहलाएगा . तो गया राम तो दुनिया छोड़कर चले गए लेकिन देश को ऐसा जुमला दे गए , जिसका इस्तेमाल दशकों से हो रहा है और दशकों तक होता रहेगा .

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हरियाणा में दल -बदलुओं के प्रेरणा पुरुष भजन लाल हुए . कांग्रेस के महान नेता . विधायकों की मंडी के जनकों में से एक . थोक सौदा करने की शुरुआत करने वालों में एक . Congressभजन लाल ने जो बुनियाद रखी , उसे मीनार तक पहुंचाने का काम बाकी नेताओं ने समयबद्ध तरीके से किया . कोई पीछे नहीं रहा . क्या कांग्रेसी , क्या भाजपाई , क्या सपाई , क्या समताई , क्या बसपाई …

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चरण सिंह , जार्ज फर्नाडीस , भजन लाल , देवीलाल,और चंद्रशेखर से लेकर जंगदंबिका पाल और नरेश अग्रवाल तक ने ‘आया राम -गया राम’ वाली ग्रंथावली में न मिटने वाला अध्याय ही जोड़ा . Karnataka Rahulकिसी ने थोक व्यापार किया , तो किसी ने खुदरा लेकिन मंडी का हिस्सेदार बनने में किसी ने गुरेज नहीं किया .

(वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)