कभी बर्गर बेच और चौकीदार कर करते थे गुजारा, आज नामी कंपनी ने 858 करोड़ का दिया सैलरी पैकेज
अमेरिका जब वो पढाई करने गये थे, तो उनके पास पैसों की किल्लत थी, उन्होने अपने पिता से 75 हजार रुपये लिये थे, इसके साथ ही उन्होने अपना खर्च चलाने के लिये छोटे-मोटे काम भी किये।
New Delhi, Jun 06 : गाजियाबाद के रहने वाले निकेश अरोड़ा को एक कंपनी ने 858 करोड़ रुपये का सलाना सैलरी पैकेज ऑफर किया है, जी हां, पढकर यकीन नहीं हो रहा ना, लेकिन ये सच है। टेक्नोलॉजी सेक्टर के दिग्गज निकेश अरोड़ा को पालो अल्टो नेटवर्क का सीईओ बना दिया गया है, आपको बता दें कि पालो अल्टो नेटवर्क एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है, निकेश अरोड़ा का टेक्नोलॉजी सेक्टर में लंबा करियर रहा है, इस कंपनी से पहले वो सॉफ्ट बैंक और गूगल जैसी कंपनी में भी बड़े पद संभाल चुके हैं।
इतनी है सैलरी पैकेज
निकेश अरोड़ा का सालाना वेतन 6.7 करोड़ रुपये होगा, साथ ही उन्हें इतनी ही रकम बोनस भी मिलेगी। इसके अलावा उन्हें कंपनी की ओर से 268 करोड़ रुपये के शेयर मिलेंगे, जिन्हें वो अगले सात साल तक नहीं बेच सकते। अगर निकेश अरोड़ा पालो अल्टो नेटवर्क के शेयर की कीमत 7 सालों में तीन सौ फीसदी बढाने में कामयाब रहे, तो उन्हें 442 करोड़ रुपये और दिये जाएंगे, कुल मिलाकर करीब 858 करोड़ रुपये हो जाएगा।
कभी बेचे थे बर्गर
मालूम हो कि यूपी के गाजियाबाद में पैदा हुए 50 वर्षीय निकेश अरोड़ा के पिता इंडियन एयरफोर्स में अधिकारी थे, उनकी शुरुआती पढाई दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से हुई है, इसके बाद उन्होने बीएचयू आईटी से बीटेक की डिग्री हासिल की और नौकरी करने विप्रो पहुंच गये, लेकिन जल्दी ही उन्होने वहां से इस्तीफा दे दिया। और फिर आगे की पढाई के लिये अमेरिका चले गये।
अमेरिका में बेचे बर्गर
अमेरिका जब वो पढाई करने गये थे, तो उनके पास पैसों की किल्लत थी, उन्होने अपने पिता से 75 हजार रुपये लिये थे, इसके साथ ही उन्होने अपना खर्च चलाने के लिये छोटे-मोटे काम भी किये, इसी दौरान उन्हें बर्गर बेचने पड़े और गार्ड की नौकरी करनी पड़ी। फिर उनकी एमबीए की डिग्री पूरी हो गई। इसके बाद वो चार्टर्ड फाइनेंस एनालिस्ट बन गये, फिर उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पांच हजार कर्मचारी काम करते हैं इस कंपनी में
कैलिफोर्निया स्थित पालो आल्टो नेटवर्क्स कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी मानी जाती है, इस कंपनी में करीब पांच हजार कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार इस पैकेज के लिये एक शर्त भी रखी गई है कि उन्हें कंपनी के शेयरों के दाम चार गुनी करनी होगी। निकेश अरोड़ा कंपनी के पिछले सीईओ और चेयरमैन मार्क लाफलिन की जगह लेंगे।
10 साल गूगल में नौकरी
निकेश अरोड़ा ने अपने करियर की शुरुआत साल 1992 में की थी, वो गूगल में भी नौकरी कर चुके हैं, साल 2004 में उन्होने गूगल ज्वाइन किया था और करीब दस साल वो इस कंपनी में रहे। फिर गूगल छोड़ वो सॉफ्ट बैंक ग्रुप कॉरपोरेशन में पहुंच गये। जहां उनका कद दूसरे सबसे ताकतवर शख्स का था। पिछले साल उन्होने वहां से नौकरी छोड़ दी थी, वहां मिले उन्हें सैलरी पैकेज के दम पर वो दुनिया के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले तीसरे सीईओ बन गये थे।
लोग हैं हैरान
कई लोगों के लिये निकेश अरोड़ा का फैसला हैरान करने वाला है, क्रेडिट स्विस के एनालिस्ट ब्रैड जेलनिक ने फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए कहा कि निकेश के पास साइबर सिक्योरिटी का कोई अनुभव नहीं है, साल 2014 में जब उन्होने सॉफ्ट बैंक ज्वाइन किया था, तो उन्हें सॉफ्ट बैंक में ग्लोबल इंटरनेट इन्वेस्टमेंट प्रमुख की जिम्मेदारी मिली थी। निकेश अरोड़ा ने भारत और इंडोनेशिया में इंटरनेशनल इंटरनेट में निवेश का श्रेय दिया जाता है।