जूते पॉलिश कर करोड़पति बना ये शख्स, घर वाले फैसले से थे बेहद नाराज

संदीप अपने यूनिक बिजनेस आईडिया के कारण ना सिर्फ आज करोड़पति हैं, बल्कि उनकी कंपनी 10 राज्यों में कारोबार कर रही है।

New Delhi, Jun 08 : कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है, बल्कि विचार बड़े या छोटे होते हैं। जूते पॉलिश या रिपेयर करने के जिस काम को अक्सर लोग छोटा समझते हैं, उसे ही मुंबई के एक युवा ने अपना व्यवसाय बनाया, संदीप गजकस नाम के युवा द शू लांड्री चलाते हैं। संदीप अपने यूनिक बिजनेस आईडिया के कारण ना सिर्फ आज करोड़पति हैं, बल्कि उनकी कंपनी 10 राज्यों में कारोबार कर रही है, उनकी कंपनी का सलाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

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विदेश की नौकरी छोड़ शू रिपेयर का काम
संदीप गजकस (36 साल) बताते हैं कि उन्होने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। वो नौकरी करने के लिये गल्फ (खाड़ी देश) जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तभी अमेरिका में 9/11 आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद उन्होने विदेश जाने का इरादा छोड़ दिया और शू लांड्री बिजनेस शुरु करने का फैसला लिया। धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढता गया और आज उनकी पहुंच दस राज्यों तक हो चुकी है।

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घर वाले नहीं थे खुश
संदीप ने बताया कि जब मैंने अपना फैसला अपने घर वालों को बताया, तो घर वाले इस बात से बिल्कुल खुश नहीं थे, जाहिर सी बात है कि जब बेटा इंजीनियरिंग छोड़ जूता रिपेयरिंग और पॉलिशिंग करेगा, तो कौन मां-बाप उन्हें ये काम करते हुए देखना चाहेंगे। लेकिन फिर भी संदीप ने घर वालों की बात को अनसुना कर अपने दिल की बात सुनी, उन्होने 12 हजार रुपये से बिजनेस स्टार्ट किया, जो धीरे-धीरे करोड़ों रुपये तक पहुंच गया।

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पुराने जूतों को नया करने के तरीके
पुराने जूतों को बिल्कुल नया बनाने के इनोवेटिव तरीके संदीप खोज रहे थे, संदीप बताते हैं कि उन्होने सबसे ज्यादा समय अपनी रिसर्च पर दिया, क्योंकि वो कुछ ऐसे इनोवेटिव तरीके ढूंढ रहे ते, जो पुराने जूतों को एकदम नया बना दें। हालांकि इसमें वो असफल हुए, उन्होने कहा कि मैंने पहले असफल होना सीखा। फिर मैंने साल 2003 में देश की पहली द शू लांड्री कंपनी की शुरुआत की।

सलाना दो करोड़ का टर्नओवर
संदीप गजकस ने ये कंपनी साल 2003 में सिर्फ 12 हजार रुपये से शुरु की थी, लेकिन उनकी मेहनत और लगन के दम पर उनकी कंपनी का सलाना टर्नओवर बढकर दो करोड़ रुपये पहुंच गया है। मुंबई के अंधेरी इलाके में उन्होने अपना पहला ऑफिस खोला था। आज उनके कई शहरों में दफ्तर हैं। इतना ही नहीं वो अपनी फ्रेंचाइजी भी बेच रहे हैं, आज उनकी फ्रेंचाइजी मुंबई, पुणे, गोरखपुर समते कई शहरों में खुल चुकी है।

कैसे होता है काम ?
संदीप गजकस ने बताया कि जूता लांड्री एक ऐसी कंपनी है, जिसमें कस्टमर हमारे ऑफिस नहीं बल्कि हम कस्टमर तक खुद जाते हैं, जहां भी वो हमें बुलाते हैं, हम उन्हें जाकर सेवा देते हैं। मैं अपनी कंपनी के सारे कर्मचारियों को खुद ही ट्रेनिंग देता हूं, ताकि हमारे काम में पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही संदीप ये दावा करते हैं कि उनकी कंपनी भारत की पहली शू लांड्री सेवा है।

लोगों को रोजगार के अवसर
संदीप ने आगे बोलते हुए कहा कि ये कम पैसे में होने वाला व्यवसाय है, साथ ही ये हमारी जिंदगी की रोजमर्रा की जरुरत है, इससे लोगों को रोजगार मिल रहे हैं। पिछले कुछ सालों में लोगों का नजरिया बदल रहा है, इस व्यवसाय की तरफ। अभी हाल ही में लखनई से भी इन्क्वायरी आई है, वो हमारी कंपनी का फ्रेंचाइजी चाहते हैं, जिस पर विचार-विमर्श चल रहा है।