तेज प्रताप ने बजाया बिगुल, लालू परिवार में शुरू हुआ सत्ता संघर्ष

तेज प्रताप ने कहा कि पार्टी में असमाजिक तत्व आ रहे हैं। वे पार्टी को खंडित करना चाह रहे हैं। मुझे और अर्जुन सरीखे मेरे भाई तेजस्वी को लड़ाने की साजिश हो रही है।

New Delhi, Jun 10 : लालू परिवार में सत्ता का संघर्ष शुरू हो गया है। बड़े बेटे तेज प्रताप ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर पार्टी में उनके लोगों को महत्व नहीं दिया गया और उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे सबकुछ छोड़कर द्वारिका चले जायेंगे। उन्होंने कहा कुछ असमाजिक तत्व पार्टी में चले आये हैं। और वे भाई -भाई को लडाने और पार्टी को खंडित करने की साजिश कर रहे हैं। उनकी बात भी नहीं सुनी जा रही है। पार्टी का नाम बेचा जा रहा है। मुझे बोलने से रोकने की कोशिश हो रही है।

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एनडीए को तोड़ने की कोशिशों में जुटी आरजेडी के लिए यह ‘जोर से लगा जोर का झटका’ है। हालांकि तेज प्रताप ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन पार्टी में अपनी उपेक्षा के खिलाफ सशक्त तरीके से आवाज बुलंद की है। यह पहला मौका है जब तेज प्रताप इस तरह खुल कर सामने आये हैं। अबतक पर्दे के पीछे की उठा-पटक गपशप के रूप में ही बाहर आती रही है। पहले उन्होंने ट्वीट के जरिये अपनी नाराजगी व्यक्त की। फिर फेसबुक पर अपनी बात पोस्ट की। इसके बाद कशिश न्यूज के संवाददाता मिशाल सिन्हा को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। तेजप्रताप का बयान लालू परिवार और आरजेडी दोनों के लिए खतरे की घंटी है।

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तेज प्रताप ने कहा कि पार्टी में असमाजिक तत्व आ रहे हैं। वे पार्टी को खंडित करना चाह रहे हैं। मुझे और अर्जुन सरीखे मेरे भाई तेजस्वी को लड़ाने की साजिश हो रही है। छात्र राजद सबसे सशक्त संगठन है। लेकिन उसको कमजोर किया जा रहा है। उसके कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। छात्र राजद पार्टी की रीढ़ है। उसे महत्व मिलना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है की अगर उसे तोडा -मरोड़ा जायेगा तो वे काम नहीं करेंगे। पार्टी छोड़ देंगे ,लेकिन परिवार पर आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि मेरी बात भी पार्टी में नहीं सुनी जा रही है। पार्टी के पदाधिकारी मेरा फोन तक नहीं उठाते। तेज प्रताप ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए पार्टी में अनुशासन होना जरुरी है। तेजस्वी मेरा कलेजा है। उसके साथ मुझे लड़ाने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। वह मेरा अर्जुन है। उसे आगे बढ़ाना है। तेज प्रताप ने सीधा आरोप लगाया कि कुछ लोग आरजेडी का नाम बेच रहे हैं। लालू , राबड़ी, तेजस्वी ,मीसा का नाम बेचा जा रहा है। वैसे तत्वों को वे कड़ा सन्देश देना चाहते हैं।

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अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा की उन्होंने इस मसले पर अपनी पत्नी से भी चर्चा की। पत्नी ने कहा की उन्हें इस पर स्टैंड लेना चाहिये। इसके बाद वे अपनी बात कह रहे हैं। तेज प्रताप की हाल ही में शादी हुई है। उनकी पत्नी ऐश्वर्या भी राजनीतिक परिवार से हैं। शादी के बाद से ही उनके राजनीति में आने की चर्चा होती रही है।
तेज प्रताप कम बोलते हैं। कहते हैं कि घरवालों ने उनके बोलने पर प्रतिबंध लगा रखा है।क्योंकि वे हर बात बेलाग बोल देते हैं। नफा -नुकसान नहीं देखते -सोचते। राजनीति के दाव-पेंच से दूर रहते हैं। ईश्वर -भक्ति में उनका मन ज्यादा रमता है। जल्दी तैश में आ जाते हैं। इसीलिए लालू प्रसाद छोटे बेटे तेजस्वी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। इस नाते पार्टी में तेजस्वी की चलती है। शायद इसकी भी कसक तेजप्रताप के मन में कहीं हो।

एक दूसरा पहलू यह है कि छात्र राजद पर तेज प्रताप का प्रभाव है उसके कार्यकर्त्ता तेज प्रताप से अधिक जुड़े हुए है। यह संगठन लगातार सक्रिय रहा है। हंगामों में इसका ज्यादा नाम आता है। तेज के समर्थन के कारण छात्र सेल के नेता कई बार दूसरे नेताओं की बात भी नहीं सुनते। इसलिए उसे साइज में लाने की कवायद चल रही है। संभव है यह तेज प्रताप को नागवार लगा हो। ऐसी और भी कई वजहें हो सकती हैं नाराजगी की। पहले वे इस बातों को टाल जाया करते थे लेकिन अब दो -दो हाथ करने को तैयार दिख रहे हैं। आज का उनका तेवर तो यही कहता है।
तेज के तेवरों से लगता है कि बात दूर तक जायेगी। लालू प्रसाद अभी पटना में ही हैं। वे बीमार हैं। इस आंतरिक विवाद से वे कैसे निपटते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)