12वीं फेल होने के बाद गूगल पर सर्च करता था क्या करें ? फिर ऐसे बन गया करोड़पति

उनकी सक्सेस स्टोरी 17 साल की उम्र में 12वीं फेल होने के बाद से ही शुरु हुई थी, आज वो अपने दम पर करोड़पति बन चुके हैं।

New Delhi, Jun 10 : 17 साल की उम्र में ज्यादातर बच्चे स्कूल की पढाई कर रहे होते हैं, अपना करियर बनाने के बारे में सोचते हैं, लेकिन अगर कोई 12वीं में फेल हो जाए, तो फिर उस छात्र के भविष्य को लेकर तमाम तरह के सवाल उठने लगते हैं। लेकिन एक युवा ऐसा भी है, जिसने 12वीं फेल होने के बाद हार नहीं मानी, उसने वो कर दिखाया, जिसकी आज मिसालें दी जा रही है, इस युवा का नाम ऋषभ लवानिया है। फिलहाल ऋषभ 24 साल के हो चुके हैं, लेकिन उनकी सक्सेस स्टोरी 17 साल की उम्र में 12वीं फेल होने के बाद से ही शुरु हुई थी, आज वो अपने दम पर करोड़पति बन चुके हैं।

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12वीं फेल होने के बाद बनें मिसाल
आज करोड़ों युवाओं के लिये आइडल बन चुके ऋषभ लावनिया की सक्सेस स्टोरी तब से शुरु होती है, जब वो 12वीं में फेल हो गये थे। इसके बाद उन्होने दो किया, वो मिसाल बन चुका है। एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए ऋषभ के पापा उन्हें सिविल इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन 12वीं में फेल होने के बाद उनका ये सपना टूट गया, और फिर उन्होने खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के बारे में सोचा ।

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गूगल पर सर्च करते थे
ऋषभ लावनिया ने बताया कि 12वीं में फेल होने के बाद वो अक्सर गूगल पर सर्च करते थे कि बारहवीं फेल होने वालों के लिये क्या बेहतर ऑप्शन है ? ऋभष के मुताबिक वो जानते थे कि उनके पास अनुभव की कमी है, इसलिये उन्होने कुछ ऐसे लोगों से दोस्ती की, जिन्हें बिजनेस को लेकर काफी अच्छी समझ थी। उन्होने कई इनवेस्टमेंट एनालिस्ट से बात शुरु की, इस दौरान Nasscom और FICCI में उनके कई अच्छे दोस्त बन गये। जिन्होने उनकी सोच बदलने में काफी मदद की।

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6 महीने में फ्लॉप पहला आइडिया
इस युवा उद्यमी ने गुड़गांव में रेड कारपेट नाम से इवेंट बेस्ड अपनी पहली कंपनी शुरु की। उनका ये आइडिया 6-7 महीने में ही फ्लॉप हो गया। हालांकि असफलता मिलने से वो निराश नहीं हुए, उन्होने उस काम से कुछ बेहतर करने की प्रेरणा ली। इसके बाद उन्होने जस्ट गेट इट नाम की रेस्टोरेंट लॉजिस्टिक फर्म शुरु करने से लेकर इगोन जेन्डर नाम की ग्लोबल एग्जेक्यूटिव सर्च फर्म ज्वाइन करने तक उन्हें कई कड़वे अनुभव मिले।

ऐसे बदली किस्मत
ऋषभ ने बताया कि कुछ कड़वे अनुभवों के बाद साल 2015 में वो अमेरिका चले गये, जहां उनकी मुलाकात केशु दूबे से हुई, दोनों ने मिलकर Xelert8 नाम की डाटाबेस टेक कंपनी शुरु की। केशु दुबे से मुलाकात होने के बाद ऋषभ ने एक इनवेस्टर के तौर पर दुनिया घूमना शुरु किया। वो भारत, चीन, अमेरिका और जापान जैसे देशों में स्टार्टअर के बारे में जानने की कोशिश करने लगे। Xelert8 कंपनी ऋषभ के करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई। क्योंकि इस कंपनी को कुछ समय बाद ही एक चाइनीज कंपनी ने अच्छी खासी कीमत देकर खरीद लिया।

बन गये इनवेस्टर
Xelert8 कंपनी को बेचने के बाद कुछ समय पहले तो लोगों से फंड लेने वाले ऋषभ अब खुद इनवेस्टर बन गये हैं, उनका कहना है कि आज वो ऐसे लोगों के साथ मिलकर इनवेस्ट करना चाहते हैं, जो ग्राउंड लेवल से आते हैं। जो जमीनी हकीकत को समझते हैं। उन्होने कहा कि असल में मैं ऐसे आइडिया में निवेश करना चाहता हूं, जिसमें वैल्यू फोर मनी हो।

नया प्रोजेक्ट
ऋषभ लावनिया अब अपने नये प्रोजेक्ट वीट ट्रेकर्स के साथ नऊ ऊंचाइयां छूना चाहते हैं, ये एक मीडिया प्लेटफॉर्म है, जहां पर लोग बिजनेस पर्सनालिटीज और एंटरप्रेनर्स की स्टोरी पढ सकते हैं। लावनिया के अनुसार अपने इस प्रोजेक्ट के लिये वो भारत सरकार और नीदरलैंड्स सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, इस प्रोजेक्ट का मकसद लोगों को दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस सेट करने में मदद करना है।