राजीव कुमार के बाद सीएम योगी जता सकते हैं इन पर भरोसा, मिल सकती है मुख्य सचिव की जिम्मेदारी
यूपी के मुख्य सचिव की रेस में 1984 बैच के 4 अधिकारियों की चर्चा सबसे तेज है, जिसमें से 2 दिल्ली में तैनात है, जबकि बाकी 2 लखनऊ में है।
New Delhi, Jun 18 : उत्तर प्रदेश में नौकरशाही की सबसे बड़ी कुर्सी के लिये दौड़ शुरु हो चुकी है। आपको बता दें कि यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार इसी महीने 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। लिहाजा यूपी का अगला सबसे बड़ा नौकरशाह कौन होगा ? इसके लिये दौड़ शुरु हो चुका है। आइये हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन दौड़ में शामिल हैं और किसके बनने की संभावना कितनी ज्यादा है ?
कुल 21 अधिकारी हैं रेस में
मुख्य सचिव राजीव कुमार का कार्यकाल बढाने को लेकर योगी सरकार ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है, ऐसी चर्चाएं हैं कि राजीव कुमार को एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। अगला मुख्य सचिव बनने की रेस में 1982 से 1984 बैच के 21 आईएएस अधिकारी शामिल हैं। जिस तरह से योगी और मोदी सरकार ने मंशा जाहिर की है, उससे साफ है कि अगला मुख्य सचिव वही होगा, जिसका कार्यकाल 2019 तक होगा। कारण ये है कि 2019 में लोकसभा चुनाव है, ऐसे में योगी सरकार ऐसे अधिकारी की तलाश कर रही है, जो कम से कम लोकसभा चुनाव तक इस पद पर रहे ।
इनकी दावेदारी है सबसे मजबूत
1981 बैच की बात करें, तो वर्तमान मुख्य सचिव राजीव कुमार और अनिल स्वरुप इसी बैच से हैं, दोनों का रिटायरमेंट इसी महीने है, वहीं 1982 बैच के 6 अधिकारी हैं, लेकिन मुख्य सचिव के दौड़ में प्रवीर कुमार, अविनाश श्रीवास्तव और चंद्र प्रकाश को माना जा रहा है। इन तीनों का रिटायरमेंट 2019 या 2020 में होगा। प्रवीर कुमार कार्यवाहक मुख्य सचिव रह चुके हैं, साथ ही सीएम योगी के करीबी भी माना जाते हैं, लिहाजा उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
1983 बैच के 8 अधिकारी
इसके बाद नंबर आता है 1983 बैच के अधिकारियों के, इसमें 8 अधिकारी है, जिनमें राजीव कपूर, राजीव कुमार सेंकेंड, राहुल भटनागर, राज प्रताप सिंह, चंचल तिवारी, संजीव सरन और ललित वर्मा हैं। इनमें राज प्रताप सिंह को सीएम का करीबी माना जाता है। लेकिन राज प्रताप भी अगले महीने ही रिटायर हो रहे हैं, इसलिये इस बैच का कोई भी अधिकारी इस दौड़ में शामिल नहीं माना जा रहा है।
1984 बैच के 7 अधिकारी
साल 1984 बैच में भी 7 अधिकारी हैं, माना जा रहा है कि मुख्य सचिव जैसी बड़ी जिम्मेदारी इस बैच के अधिकारी को भी दी जा सकती है। इस बैच में अनंत कुमार सिंह भारत सरकार में सचिव हैं, वो अगले साल मार्च में रिटायर होंगे, उनके बाद दुर्गा शंकर मिश्रा का नाम आता है, जो कभी मायावती के करीबी माने जाते थे, वो प्रमुख सचिव सीएम भी रह चुके हैं। फिलहाल केन्द्र सरकार में सचिव हैं, उनका रिटायरमेंट दिसंबर 2021 में होगा। उन्हें भी रेस में माना जा रहा है।
जातिय समीकरण का ध्यान
अगला नाम अनूप चंद्र पांडेय का है, ये यूपी में आईडीसी हैं, इनका कार्यकाल 2019 तक है, इनके नाम पर कोई विवाद नहीं है, यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना किसान कर्ज माफी और इंवेस्टर्स समिट जैसे बड़े आयोजन इनकी अगुवाई में ही हुई । ये सीएम योगी के करीबी माने जाते हैं, वहीं जातिय समीकरण भी इनके हक में है। इनके साथ ही संजय अग्रवाल को भी रेस में शामिल माना जा रहा है। उनका कार्यकाल मार्च 2022 तक का है।
चार अधिकारियों की चर्चा तेज
आपको बता दें कि यूपी के मुख्य सचिव की रेस में 1984 बैच के 4 अधिकारियों की चर्चा सबसे तेज है, जिसमें से 2 दिल्ली में तैनात है, जबकि बाकी 2 लखनऊ में है, ये चारों बेदाग, तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। अगर मौजूदा मुख्य सचिव राजीव कुमार को एक्सटेंशन नहीं मिलता है, तो इन्हीं चारों में से किसी एक को कुर्सी मिल सकती है।