लोकसभा चुनाव से पहले एक्शन में चंद्रशेखर, भीम आर्मी प्रमुख की रणनीति से महागठबंधन में ‘खलबली’

पश्चिमी यूपी के बिजनौर में भी भीम आर्मी प्रमुख 19 नवंबर को एक बड़ी रैली करने वाले हैं, इस रैली में लोगों की भीड़ जुटाकर चंद्रशेखर शक्ति-प्रदर्शन भी करना चाहते हैं।

New Delhi, Nov 18 : भीम आर्मी के मुखिया और पिछले दिनों जेल से रिहा होने वाले चंद्रशेखर ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर तैयारी शुरु कर दी है। बीजेपी पर पूरी तरह से हमलावर चंद्रशेखर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी की दलित राजनीति को फिर से हवा देने के लिये खास रणनीति बनाई है, दरअसल भीम आर्मी प्रमुख आगामी 6 दिसंबर से एक देशव्यापी आंदोलन शुरु करने जा रहे हैं, इस आंदोलन से 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान जेल में बंद किये गये दलित कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की जाएगी। अगर जेल में बंद दलित कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाएगा, तो आंदोलन बड़ा रुप लेगा।

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बेकसूर दलितों को जेल में डाला गया
इस आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए भीम आर्मी प्रमुख ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किये गये संशोधन के विरोध में देशभर के दलितों ने बीते 2 अप्रैल को देशभर में शांतिपूर्ण भारत बंद का ऐलान किया था, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में बेकसूर दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं को झूठे आरोप में पकड़कर जेल में डाल दिया है।

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जेल में बंद दलितों के लिये आंदोलन
चंद्रशेखर ने कहा कि इन लोगों में किसी का भी किसी भी तरह के हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है, इनकी रिहाई की मांग को लेकर अगले महीने 6 दिसंबर को भीम आर्मी देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। इस आंदोलन के दौरान सरकार और प्रशासन से मांग की जाएगी, कि जेल में बंद बेकसूर दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए, नहीं तो आंदोलन बड़ा रुप लेगा।

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बसपा ने बनाई दूरी
इसके साथ ही पश्चिमी यूपी के बिजनौर में भी भीम आर्मी प्रमुख 19 नवंबर को एक बड़ी रैली करने वाले हैं, इस रैली में लोगों की भीड़ जुटाकर चंद्रशेखर शक्ति-प्रदर्शन भी करना चाहते हैं, दूसरी ओर सूत्रों का दावा है कि बसपा के कुछ निष्कासित नेता भी भीम आर्मी के संपर्क में हैं, वो इस रैली में पार्टी से जुड़ सकते हैं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने दो टूक शब्दों में आदेश जारी किया है, कि बसपा का कोई भी कार्यकर्ता या नेता भीम आर्मी के कार्यक्रम या रैली में शामिल ना हो। मायावती पहले भी बयान दे चुकी है, कि उनका इस संगठन से कोई लेना देना नहीं है।

पश्चिमी यूपी में दलित-मुस्लिम समीकरण
मालूम हो कि जेल से छूटने के बाद से चंद्रशेखर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं, खासकर पश्चिमी यूपी में वो लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं, पिछले दिनों चंद्रशेखर ने देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की थी, इससे पहले कांग्रेस नेता इमरान मसूद से भी उन्होने मुलाकात की थी, सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है, कि चंद्रशेखर पश्चिमी यूपी में दलित-मुस्लिम समीकरण बनाकर बीजेपी को हराने की योजना पर काम कर रहे हैं, हालांकि राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि चंद्रशेखर के चुनावी मैदान में आने से बीजेपी को नुकसान के बजाय फायदा होगा, क्योंकि वो बीजेपी का नहीं बल्कि महागठबंधन का वोट काटेंगे।