जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को रोकने के लिये तैयार हुआ ‘मास्टर-प्लान’, अल्ताफ बुखारी के दावे से सियासी भूकंप

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक बात सरकार बनाने के स्तर तक नहीं पहुंची है।

New Delhi, Nov 21 : बीजेपी को रोकने और विपक्षी एकता दिखाने के लिये दो धुर-विरोधी फिर से एक बार एक हो सकते हैं, जी हां, जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकती है। पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने दावा किया है कि उनके पास 87 सदस्यीय विधानसभा में 60 विधायकों के समर्थन हैं, वो जल्द ही सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं, उन्होने कहा कि इसकी औपचारिक ऐलान अगले एक दो दिनों में की जाएगी।

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सीएम पद का चेहरा
सूत्रों का दावा है कि महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी इस महागठबंधन में सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं, सूत्रों का कहना है कि नेशनल कांफ्रेस सरकार में शामिल नहीं होगी, बल्कि वो सरकार को बाहर से समर्थन करेगी, आपको बता दें कि इससे पहले साल 2002 में ऐसी ही स्थिति बनी थी, तब पीडीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जबकि नेशनल कांफ्रेस ने बाहर से समर्थन किया था, ये सरकार पांच साल तक चली थी।

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कांग्रेस का क्या कहना है ?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक बात सरकार बनाने के स्तर तक नहीं पहुंची है, कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर प्रदेश में सरकार क्यों नहीं बनाते, इसी बात पर फिलहाल चर्चा जारी है।

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पीडीपी ने बीजेपी के साथ मिलकर बनाई थी सरकार
मालूम हो कि जम्मू -कश्मीर में 2015 विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिली, जिसके बाद पीडीपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर मार्च 2015 में सरकार बनाई, पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद सीएम बने, लेकिन अचानक उनका निधन हो गया, जिसके बाद कुछ दिनों तक राज्यपाल शासन रहा, फिर महबूबा मुफ्ती सीएम बनी, ये गठबंधन सरकार जून 2018 तक चली, फिर बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया, जिसकी वजह से सरकार गिर गई।

राज्यपाल शासन
आपको बता दें कि 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के 6 महीने पूरे हो जाएंगे, नियमों के अनुसार इसे दोबारा नहीं बढाया जा सकता, इसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है, लेकिन उसके लिये विधानसभा भंग करनी होगी, फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल नहीं चाहती, कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव हों, इसी वजह से पीडीपी, एनसी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने में लगी हुई है, जबकि बीजेपी भी सरकार बनाने के लिये कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के 28 विधायक, कांग्रेस के 12 और नेशनल कांफ्रेस के 15 विधायक हैं, सदन में बहुमत का आंकड़ा 44 है।