सपा-बसपा महागठबंधन में सीटों पर बन गई बात, कांग्रेस को नहीं किया शामिल

भले कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया हो, लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीटें रायबरेली और अमेठी से ये उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

New Delhi, Dec 01 : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित होने वाले हैं, लेकिन उन नतीजों के आने के पहले ही लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में महागठबंधन की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सपा और बसपा के बीच लगभग सबकुछ फाइनल हो चुका है, सीटों पर दोनों के बीच बात बन चुकी है, रिपोर्ट्स की मानें, तो इस महागठबंधन में सपा-बसपा ने कांग्रेस को शामिल नहीं किया है।

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रालोद के साथ ये छोटे दल भी शामिल
यूपी महागठबंधन में सपा-बसपा के साथ चौधरी अजित सिंह की पार्टी रालोद को भी शामिल किया गया है, ऐसा दावा किया जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी इसका हिस्सा हो सकती है, इसके अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन वो लगातार अपने ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं, इनके अलावा कृष्णा पटेल भी इसमें शामिल हो सकती है, जबकि अनुप्रिया पटेल वाली अपना दल बीजेपी के साथ गठबंधन में है।

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क्या होगा फॉर्मूला ?
मीडिया में जो दावा किया जा रहा है उसके मुताबिक अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं, कि इस गठबंधन के लिये वो दो कदम पीछे भी जाने को तैयार है, यानी अगर कुछ कम सीटें भी मिली, तो वो समझौता करने को तैयार हैं। महागठबंधन में सबसे ज्यादा तवज्जो बसपा को दी गई है, बसपा 40 से 45 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि सपा के खाते में 30 से 32 सीटें आ सकती है। इसके अलावा रालोद, अपना दल और भासपा को 8 से 10 सीटें दी जा सकती है। बाकी जब सीटें फाइनल की जाएगी, तब इस पर अच्छे से विचार किया जाएगा, फिलहाल मोटा-मोटी यही ग्राफ बनाया गया है।

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रायबरेली-अमेठी से प्रत्याशी नहीं
सूत्रों का दावा है कि भले कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया हो, लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीटें रायबरेली और अमेठी से ये उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, आपको बता दें कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती है। एमपी में कांग्रेस और सपा में गठबंधन नहीं हो पाने पर पिछले दिनों पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस नहीं चाहती कि इस गठबंधन में बसपा शामिल हो, इसी वजह से गठबंधन कोई मूल रूप नहीं ले पाया, सपा किसी भी सूरत में मायावती को नाराज नहीं करना चाहती है, इसी वजह से सपा और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया।

बीजेपी के खिलाफ गठबंधन
पिछले दिनों सपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर कहा था कि यूपी में हमारा गठबंधन बीजेपी के खिलाफ है, बीजेपी को अगर सत्ता से उखाड़ फेंकना है, तो हमें एकजुट होना पड़ेगा, इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा कि कांग्रेस गैर बीजेपी दलों को एकजुट करने में नाकामयाब रही है, क्योंकि वो ज्यादा एरोगेंट हैं, अखिलेश यादव ने खुलकर कहा कि हम तो गठबंधन के लिये तैयार थे, लेकिन कांग्रेस ही हाथ मिलाने को तैयार नहीं थी।