दिलचस्प मोड़ में बिहार की सियासत, अपने फैसले से चौंका सकते हैं उपेन्द्र कुशवाहा

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो कार्यकर्ताओं के साथ मंथन के बाद चंपारण की पवित्र भूमि से गठबंधन को लेकर अहम फैसला करेंगे।

New Delhi, Dec 05 : बिहार एनडीए में इन दिनों घमासान मचा हुआ है, रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा खुलकर बयानबाजी कर रहे है। रालोसपा की दो दिवसीय राजनीतिक चिंतन शिविर बेतिया के बाल्मीकिनगर में शुरु हो चुका है, केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, उन्होने नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर को तो खरी-खोटी सुनाई ही, बीजेपी पर भी निशाना साधा, उन्होने कहा कि जिस नाव की वो सवारी कर रहे हैं, उनका डुबना तय है।

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गठबंधन को लेकर अहम फैसला
महर्षि बाल्मीकि की तपोभूमि तथा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से रालोसपा नया राजनैतिक शंखनाद करेगी, कुशवाहा ने कहा कि वो कार्यकर्ताओं के साथ मंथन के बाद चंपारण की पवित्र भूमि से गठबंधन को लेकर अहम फैसला करेंगे, जदयू पर हमला बोलने के साथ-साथ उन्होने बीजेपी पर भी निशाना साधा।

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प्रशांत किशोर पर निशाना
पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में प्रशांत किशोर के दखल को लेकर उन्होने खेद जताते हुए कहा कि इतनी फजीहत करके अगर चुनाव जीत भी गये, तो क्या प्रधानमंत्री बन जाएंगे, इसके साथ ही उन्होने बीजेपी से सवाल पूछा कि नीतीश सरकार के खिलाफ विधायकों को सड़क पर बैठने की जरुरत क्यों पड़ी। आपको बता दें कि बीजेपी के कुछ विधायक पीके के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे।

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नीतीश सरकार पर निशाना
रालोसपा प्रमुख ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी कटघरे में खड़ा किया, उन्होने ट्वीट कर लिखा कि छात्रसंघ चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर पुलिस-प्रशासन-विश्वविद्यालय सबको दंडवत करा दिया, इतनी फजीहत कराकर जीत भी गये, तो प्रधानमंत्री बन जाएंगे ? मालूम हो कि जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने पहुंचे थे, जिसके बाद से उनकी मुलाकात पर सवाल उठ रहे हैं।

कल कर सकते हैं एनडीए छोड़ने का ऐलान
उपेन्द्र कुशवाहा पिछले कुछ महीने से खुलकर नीतीश और बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, वो बीच-बीच में महागठबंधन से भी तार जोड़ने की कोशिश करते हैं, हालांकि फिर अगले बयान में वो कोई नया शिगूफा छोड़ देते हैं, उनके विरोधी उन पर एनडीए से मोल भाव करने का आरोप लगा रहे हैं, हालांकि तमाम पैंतरों के बावजूद बीजेपी उन्हें ज्यादा तरजीह नहीं दे रही है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि 6 दिसंबर को वो एनडीए छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं, आपको बता दें कि कुशवाहा अपने पॉलिटिकल मूव के लिये जाने जाते हैं, संभव है कि बीजेपी के साथ वो फाइनल बातचीत कर गठबंधन में रह भी सकते हैं, इसलिये सिर्फ अभी कयासों और अटकलों का दौर जारी है।