बढ रही है ‘ब्रांड योगी’ की विश्वसनीयता, विधानसभा चुनाव में जहां-जहां रैली की, ऐसे रहे नतीजे

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 4 राज्यों की 74 सीटों पर चुनाव प्रचार के लिये पहुंचे थे, जिनमें से 42 सीटों पर नतीजा बीजेपी के पक्ष में रहा।

New Delhi, Dec 12 : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं, वोटों की गिनती हो चुकी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में कांग्रेस ने बाजी मारी, एमपी और छत्तीसगढ में तो 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है, वैसे इस विधानसभा चुनाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक थे, योगी ने जिन-जिन राज्यों में रैलियां और जनसभाएं की, वहां नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहे।

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74 सीटों पर किया था प्रचार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 4 राज्यों की 74 सीटों पर चुनाव प्रचार के लिये पहुंचे थे, जिनमें से 42 सीटों पर नतीजा बीजेपी के पक्ष में रहा, उनके चुनाव प्रचार का साफ तौर पर असर देखा जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने तेलंगाना में चुनावी रैली के दौरान अस्सुद्दीन ओवैसी पर जमकर हमला बोला था, उन्होने कहा था यदि तेलंगाना में बीजेपी सत्ता में आई, तो ओवैसी को हैदराबाद से वैसे ही भागना पड़ेगा, जैसे कभी निजाम भागा था।

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अराजकता वालों को छोड़ेंगे नहीं
योगी ने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार सभी को सुरक्षा मुहैया कराएगी, लेकिन अराजकता फैलाने वालों को छोड़ेगी नहीं, सीएम ने कहा था कि बीजेपी नीतियां बनाने में धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है, उनके इस बयान पर बाद में ओवैसी ने भी पलटवार किया था।

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यहां भी दिखा था योगी का जलवा
पिछले कुछ सालों में बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता काफी बढी है, उनके प्रचार का बीजेपी को सीधा फायदा मिलता है, इससे पहले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उनसे प्रचार करवाया था, जिसका पार्टी को फायदा मिला था, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी योगी की जबरदस्त मांग थी, जहां भी वो प्रचार के लिये पहुंचे, वहां ज्यादातर जगह बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में नतीजे रहे, नाथपंथ से संबंधित वोटरों को लुभाने में योगी कामयाब रहते हैं।

योगी के नाम पर जुटती है भीड़
जिन क्षेत्रों में भी योगी आदित्यनाथ प्रचार के लिये जाते हैं, वहां उनके नाम पर भीड़ जुटती है, अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, तो इसका विश्लेषण होना शुरु हो चुका है, हालांकि इस बार बीजेपी के लिहाज से परिणाम अच्छे नहीं हैं, क्योंकि बीजेपी के गढ कहे जाने वाली तीन प्रदेशों की सत्ता कांग्रेस ने हथिया ली है। बीजेपी सत्ता गंवाने के बाद मंथन में जुटी है कि आखिर उनसे कहां चूक हुई।