अगर बीजेपी को मिल जाते और 4337 वोट, तो चौथी बार सीएम बनते शिवराज, ऐसे चूक गये चौहान

सिर्फ 4337 वोटों ने बीजेपी को सत्ता से दूर कर दिया, अगर मध्य प्रदेश में सीट के अनुसार कांग्रेस के जीत के अंतर का विश्लेषण किया जाए, तो ये बात सामने आती है।

New Delhi, Dec 13 : एमपी विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, दूसरी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, इस बीच कांग्रेस विधायक दल का नेता कमलनाथ को चुन लिया गया है, इस तरह से तय है कि कमलनाथ प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन शायद आपको ये जानकार हैरानी होगी, कि अगर बीजेपी 4337 वोट और मिल जाते तो शायद शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हो जाते।

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बीजेपी सत्ता से बाहर
जी हां, सिर्फ 4337 वोटों ने बीजेपी को सत्ता से दूर कर दिया, अगर मध्य प्रदेश में सीट के अनुसार कांग्रेस के जीत के अंतर का विश्लेषण किया जाए, तो ये बात सामने आती है कि कई सीटें हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई, हार जीत का अंतर मामूली था, सात सीटें तो ऐसी थी, जहां बीजेपी सिर्फ 100 से लेकर 1000 वोटों के बीच हारी है।

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कौन सी है वो सीटें
ग्वालियर दक्षिण – 121 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक जीते
सुवासरा सीट – 350 वोटों से कांग्रेस के हरदीप सिंह डंग ने जीत हासिल की ।
जबलपुर उत्तर सीट – 578 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी विनय सक्सेना ने जीत दर्ज की।
राजनगर – 732 वोटों से कांग्रेस के विक्रम सिंह नातीराजा ने जीत हासिल की।
दमोह – 798 वोट से कांग्रेस के राहुल सिंह जीते ।
ब्यावरा – 826 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार गोवर्धन तंवर ने जीत हासिल की।
राजपुर – 932 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी बाला बच्चन ने जीत हासिल की।

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4337 वोट
इन सभी सातों सीटों पर जहां कांग्रेस ने मामूली वोटों से जीत हासिल की, अगर इन्हें जोड़ा जाए, तो आंकड़ा बनता 4337 वोट, ऐसे में बीजेपी को अगर 4337 वोट और मिल जाते तो शायद ये सीटें बीजेपी के खाते में चली जाती, अभी बीजेपी के पास 109 सीटें हैं, यानी अगर ये सातों सीटें बीजेपी के खाते में जाती, तो उनका आंकड़ा 116 पहुंच जाता और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सीएम बनते।

कांग्रेस 114 पर अटकी
आपको बता दें कि प्रदेश में जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है, कांग्रेस 114 सीटों के साथ नंबर वन पार्टी है, बसपा के दो और सपा के एक विधायक ने जीत हासिल की है, अखिलेश यादव और मायावती ने कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है, साथ ही कुछ निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ है।