2019 से पहले ‘ब्रांड मोदी’ के आगे सारे गठबंधन फेल, बीजेपी की आंधी में नहीं टिक सकी विपक्षी एकता

हरियाणा में पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में हुए नगर निगम के चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त जीत मिली है।

New Delhi, Dec 20 : इसी महीने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, जिसमें बीजेपी ने हिंदी हार्टलैंड के तीन बड़े राज्य की सत्ता गंवा दी, जिसके बाद तमाम तरह के सवाल उठने शुरु हो गये, किसी ने पीएम मोदी की नीतियों को जिम्मेदार बताया, तो कोई एंटी इनकम्वैंसी को वजह बताता रहा, अभी इस पर मंथन चल ही रहा था, कि हरियाणा से ऐसी खबर आई, जिसने बीजेपी के कार्यकर्ताओं में फिर से एक बार आत्मविश्वास भर दिया है, दरअसल हरियाणा के पांच नगर निगम में मेयर पद के लिये चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है, आपको बता दें कि यहां मेयर का चुनाव पार्षद नहीं बल्कि सीधे जनता ने वोट देकर किया है, यानी बीजेपी पर फिर से एक बार हरियाणा की जनता ने भरोसा जताया है।

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सीधे जनता ने चुने मेयर
हरियाणा में पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में हुए नगर निगम के चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त जीत मिली है, यहां मेयर के लिये पहली बार जनता ने वोट किया, इससे पहले मेयर का चुनाव जीते हुए पार्षद किया करते थे, विदित हो कि निकाय चुनावों के लिये 16 दिसंबर को वोट डाले गये थे, बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारे थे, जबकि कांग्रेस, इनेलो-बसपा और आप ने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन किया था।

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5 नगर निगम में बीजेपी के मेयर
पानीपत- अवनीत कौर ने कांग्रेस समर्थित अंशु कौर पाहवा को रिकॉर्ड 74940 वोट से हराया ।
करनाल – रेणु बाला ने इनेलो-बसपा और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आशा वधवा को 9348 वोट से हराया।
हिसार – गौतम सरदाना ने कांग्रेस समर्थित रेखा ऐरन को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया।
रोहतक – मनमोहन गोयल ने कांग्रेस समर्थित सीताराम सचदेवा को 14776 वोटों से हराया ।
यमुनानगर – मदन चौहान ने कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार राकेश शर्मा करीब 50 हजार वोटों से हराया।

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18 विधानसभा पर असर
आपको बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें 18 विधानसभा क्षेत्रों पर इस नगर निगम का प्रभाव है, यानी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का इसे सेमीफाइनल माना जा रहा था, जिसमें बीजेपी ने विरोधियों को चित कर दिया, राजनीतिक एक्सपर्ट्स के अनुसार हरियाणा में एक विधानसभा क्षेत्र में करीब डेढ लाख मतदाता होते हैं, जबकि इस मेयर के चुनाव में करीब तीन लाख लोगों ने अपना मेयर चुना, करनाल को छोड़ दिया जाए, तो बाकी जगह हार-जीत का अंतर भी करीब 40 हजार से ऊपर रहा है।

गढ नहीं बचा पाए सियासी दिग्गज
इस नगर निगम चुनाव में हरियाणा की जनता ने कथित सियासी दिग्गजों को भी आईना दिखा दिया, अपने गढ में भी वो अपने उम्मीदवार नहीं जीता पाये, आइये सीट के अनुसार आपको समीकरण बताते हैं। रोहतक जो कि दो बार सीएम रह चुके भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का गढ कहा जाता है, वहां हुड्डा ने सीताराम सचदेवा को उतारा था, लेकिन वो जीत नहीं पाए, हिसार में कुलदीप बिश्नोई और सावित्री जिंदल ने मिलकर एक उम्मीदवार पर दांव लगाया था, लेकिन यहां भी परिणाम इनके पक्ष में नहीं रहे, पानीपत जो कि कभी कांग्रेस का गढ माना जाता था, वहां पूर्व विधायक बलवीर पाल शाह के भाई ने उम्मीदवार उतारा, लेकिन वो रिकॉर्ड मतों से हारे, यमुनानगर जो कि राज्यसभा सांसद कुमारी सेलजा का गढ कहा जाता है, यहां हुड्डा और सेलजा के पसंद के उम्मीदवार का कांग्रेस ने समर्थन दिया था, लेकिन वो भी हार टाल नहीं सके। आखिर में बात करनाल की, यहां पर रेणु बाला गुप्ता के खिलाफ सभी दलों ने एकजुट होकर आशा बाधवा पर अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन यहां भी जनता ने बीजेपी पर मुहर लगा दी।