एक साथ 4 लोगों को जिंदगी दे गई इंदौर की हर्षिता कौशल, प्‍लेन से मुंबई भेजे गए दिल और लंग्‍स

मध्‍यप्रदेश में एक महिला के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उसके परिवार ने उसके अंगदान का फैसला लिया । मरकर भी हर्षिता कौशल नाम की ये महिला चार अजनबी लोगों को जीवनदान दे गई ।

New Delhi, Dec 20 : अंगदान महादान, सुना होगा आपने, कई बार, बार-बार । लेकिन हममें से कितने हैं जो वाकई अंगदान के लिए खुद को रजिसटर करवा चुके हैं । जनसंख्‍या के चौथाई भी नहीं । अंगदान को यूं ही महादान नहीं कहा जाता है, व्‍यक्ति के मरने के बाद उसके अंग किसी जरूरतमंद को देकर एक और जिंदगी को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है । जी हां, कुछ लोग हैं ऐसे जो मरकर भी दूसरे के शरीर में जिंदा रह जाते हैं । ताजा मामला इंदौर का है, जहां अंगदान ने 4 मरती हुई जिंदगियों को फिर से सांस लेने का बहाना दे दिया ।

Advertisement

इंदौर का मामला
मध्‍यप्रदेश के इंदौर में जूना रिसाला इलाके की रहने वाली हर्षिता कौशल जो अभी सिर्फ 36 बरस

Advertisement

की थीं, अब इस दुनिया में नहीं हैं । लेकिन हर्षिता मरने से पहले 4 लोगों को नई जिंदगी दे गई । हर्षिता की दोनों किडनी, लिवर, हार्ट और लंग्स बुधवार को चार जरूरतमंदों को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिए  गए । मध्यप्रदेश में लंग्स डोनेट का यह पहला मामला है।

Advertisement

मुंबई भेजे गए लंग्‍स
जूना रिसाला की हर्षिता कौशल के हार्ट और लंग्‍स प्लेन से मुंबई भेजे गए । यहां एक जरूरतमंद

मरीज को इन्‍हें प्रत्‍यारोपित किया गया । इन अंगों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए राज्‍य में 3 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे। पिछले 38 महीनो में ये 36वीं बार था जब ऐसे काम के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया । इंदौर में अंगदान कराने वाली संस्था केडवर ऑर्गन डोनेशन की ओर से ये आंकड़ा सामने आया है । उन्‍होने बताया कि, यह पहली बार है, जब किसी ब्रेन डेड के लंग्स प्रत्यारोपण के लिए भेजे गए ।

ब्रेन डेड हो चुकी थीं हर्षिता
अंगदान के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था मुस्कान ग्रुप के शंकर लोहानी के अनुसार इंदौर की जूना

रिसाला निवासी हर्षिता को 17 दिसंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया था । 18 दिसंबर को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया । रात करीब सवा एक बजे डॉक्‍टरों की टीम ने फाइनल जांच की और हर्षिता के परिवार को इसके लिए सूचित किया । हर्षिता के घरवालों से मुस्कान ग्रुप ने मुलाकात की और अंगदान के बारे में बात की ।

घरवालों ने लिया बड़ा फैसला
मुस्कान ग्रुप के सदस्यों द्वारा अंगदान के लिए परिवार को समझाया गया । जब परिवार ने हामी भरी

तो अंगदान की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया । बुधवार दोपहर तक शहर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए । जानकारी के अनुसार हर्षिता की एक किडनी इंदौर के बॉम्बे अस्पताल, दूसरी किडनी चोइथराम अस्‍पताल और लिवर सीएचएल अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए भेजा गया । वहीं दिल और लंग्‍स को मुंबई स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल भेजा गया। इस तरह हर्षिता मरकर भी 4 लोगों को जीवनदान दे गई ।