कैबिनेट फेरबदल के बाद बढा विवाद, कांग्रेस विधायक ने खुलेआम पार्टी छोड़ने की दी धमकी, हो सकता है ‘बड़ा खेल’

एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कांग्रेस विधायक जारकिहोली ने कहा कि वो किसी भी समय विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

New Delhi, Dec 24 : कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के कैबिनेट विस्तार के तहत शनिवार को 8 नये मंत्रियों को शपथ दिलाया गया, तो दो मंत्रियों कांग्रेस के रमेश जारकिहोली (नगर प्रशासन) और निर्दलीय विधायक आर शंकर (वन और पर्यावरण) को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया, मंत्री पद छिनने के बाद से कांग्रेस नेता ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी है, इसके साथ ही पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी समेत कई कांग्रेस विधायक कैबिनेट में जगह ना मिलने की वजह से नाखुश हैं।

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कांग्रेस विधायक समर्थकों ने किया प्रदर्शन
आपको बता दें कि पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी के समर्थकों ने सोमवार को उन्हें कैबिनेट में जगह ना मिलने के विरोध में प्रदर्शन किया। इन सब खबरों के बीच केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सदानंद गौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के विद्रोहियों और निर्दलीय विधायकों का स्वागत करेगी, बीजेपी के इस सियासी पहल से कर्नाटक की राजनीति का पारा गरमा गया है।

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कभी भी दे सकते हैं इस्तीफा
कुमारस्वामी सरकार से बाहर किये जाने के बाद एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कांग्रेस विधायक जारकिहोली ने कहा कि वो किसी भी समय विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं, अगला सवाल उनसे ये पूछा गया कि क्या उनके साथ और भी कांग्रेस विधायक हैं, तो उन्होने कहा कि मैं फिलहाल आपको संख्या नहीं बताऊंगा, एक सप्ताह इंतजार कीजिए, मेरा अगला कदम क्षेत्र और प्रदेश की जनता के हित में होगा।

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ये भी दे सकते हैं इस्तीफा
सूत्रों का दावा है कि श्रीमंत पाटिल समेत कांग्रेस के एक और विधायक और एमएलसी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं, इससे पहले बंगलुरु में पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम जी परमेश्वर पर मंत्रिमंडल से दूर रखने का आरोप लगा चुके हैं।

गठबंधन की है सरकार
मालूम हो कि कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने शनिवार को अपने 6 महीने पुराने कैबिनेट का विस्तार करते हुए गठबंधन साझेदार के 8 सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया और 2 मंत्रियों को हटा दिया, कर्नाटक में बीजेपी नंबर वन पार्टी बनी थी, 222 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में बीजेपी को 104 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 68 और जनता दल के हिस्से में 38 सीटें आई थी, कांग्रेस ने जनता दल को समर्थन दिया, जिससे कुमास्वामी सीएम बनें, अगर कांग्रेस में विद्रोह होता है और कुछ निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ आते हैं, तो प्रदेश में कुमारस्वामी सरकार गिर सकती है।