कमलनाथ सरकार में बगावत के सुर तेज, सपा-बसपा समेत 6 विधायकों ने की गुपचुप बैठक, हो सकता है ‘खेल’

निर्दलीय विधायकों को कहना है कि चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों को समर्थन के बदले मंत्री पद देने की बात कही थी।

New Delhi, Dec 26 : मध्य प्रदेश की नई सरकार में वादे के अनुसार जगह ना मिलने से 3 निर्दलीय विधायक समेत सपा और बसपा के विधायक भी खासे नाराज हैं, तीनों निर्दलियों के साथ सपा और बसपा के दोनों विधायकों ने एक होटल में मीटिंग की है। शपथ ग्रहन समारोह के बाद निर्दलयी विधायक सुरेन्द्र सिंह उर्फ शेरा भैया से जब बात की गई, तो उनका दर्द छलक उठा, उन्होने कहा कि मैं तो जंगल में हूं, जो करना है उन्हें करना है। जो वादा किया था, उसे तोड़ दिया गया।

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कमलनाथ कैबिनेट
आपको बता दें कि कमलनाथ कैबिनेट में 28 मंत्रियों ने शपथ लिया, जिसके बाद तीनों निर्दलीय विधायक बुरहानपुर के सुरेन्द्र सिंह, भगवानपुरा के केदार डाबर और सुसनेर के विक्रम सिंह राणा उर्फ गुड्डू भैया साथ ही बसपा विधायक संजीव सिंह और रामबाई सिंह, सपा के राजेश शुक्ला ने एक होटल में बैठक की है।

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मंत्री पद देने की बात कही थी
निर्दलीय विधायकों को कहना है कि चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों को समर्थन के बदले मंत्री पद देने की बात कही थी, जिनमें प्रदीप जायसवाल और सुरेन्द्र सिंह का नाम शामिल है, जबकि सिर्फ प्रदीप जायसवाल को मंत्री बनाये जाने के बाद सुरेन्द्र सिंह की पीड़ा छलक पड़ी, उन्होने कहा कि कमलनाथ ने उनसे मंत्री पद का वादा किया था।

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बीजेपी नेताओं से संपर्क
जब विधायक संजीव सिंह से पूछा गया, कि क्या वो बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं, तो उन्होने सीधे शब्दों में कहा, राजनीति कर रहे हैं, तो सबसे बातचीत करनी पड़ती है, मंत्री नहीं बनाया गया, इसी वजह से समारोह में नहीं पहुंचे, कांग्रेस के कई विधायक मंत्री के दावेदार थे, लेकिन लिस्ट में उनका ही नाम नहीं था, तो वो भी शपथग्रहन समारोह में नहीं आये, बदनावर से विधायक राजवर्धन सिंह को कैबिनेट में जगह ना मिलने से नाराज उनके समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस ऑफिस पहुंच नाराजगी जताई, इसी तरह पिछोर के वरिष्ठ विधायक के पी सिंह के समर्थकों ने भी प्रदर्शन किया।

सिंधिया खेमे को मिली तरजीह
आपको बता दें कि कहा जा रहा है कि भले ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम ना बनाया गया, लेकिन उनके खास लोगों को कमलनाथ कैबिनेट में जगह दी गई है। हालांकि अगर विधायकों की नाराजगी बढी, तो कमलनाथ सरकार के लिये मुश्किल हो सकती है, क्योंकि बीजेपी भी बहुमत से बहुत ज्यादा दूर नहीं है।
एमपी विधानसभा में दलीय आधार पर सीटें
कुल सीटें- 230
कांग्रेस – 114
बीजेपी – 109
बसपा – 02
समाजवादी पार्टी – 01
निर्दलीय – 04
बहुमत के लिये आंकड़ा – 116