शपथ पत्र तक नहीं पढ पाये कांग्रेस के ये नये मंत्री, फिर राज्यपाल ने किया ऐसा

बघेल सरकार में कवासी लखमा ऐसे मंत्री हैं, जो कभी पढने के लिये स्कूल नहीं गये, उनका जन्म साल 1953 में सुकमा के नागारास गांव में हुआ था।

New Delhi, Dec 26 : छत्तीसगढ में नई सरकार के नौ मंत्रियों ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली, गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई, इस दौरान सभी मंत्रियों ने हिन्दी में शपथ ली, जबकि कोंटा से विधायक कवासी लखमा अपना शपथ तक नहीं पढ पाये, उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन ने शपथ पत्र पढकर शपथ पूरी कराई।

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मंत्री ने राज्यपाल की बात को दोहराया
शपथ ग्रहन के दौरान जब मंच पर कवासी लखमा का नाम पुकारा गया, तो वो शपथ ग्रहन करने के लिये मंच पर पहुंचे, लेकिन उन्हें पढना नहीं आता है, इस वजह से अपना शपथ पत्र नहीं पढ सके, जिसके बाद छत्तीसगढ की अतिरिक्त प्रभार संभाल रही गवर्नर आनंदीबेन ने शपथ पढी, और कवासी लखमा उसे दोहराते हुए शपथ लिये।

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कभी पढने स्कूल नहीं गये
आपको बता दें कि बघेल सरकार में कवासी लखमा ऐसे मंत्री हैं, जो कभी पढने के लिये स्कूल नहीं गये, उनका जन्म साल 1953 में सुकमा के नागारास गांव में हुआ था, मूल रुप से खेती-किसानी करने वा ले लखमा छत्तीसगढ के अलग राज्य बनने के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं, वो बस्तर के कोंटा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं।

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कई देशों की कर चुके हैं यात्रा
अनुसूचित जाति से आने वाले लखमा के बारे में कहा जाता है कि भले कभी उन्होने स्कूल का मुंह ना देखा हो, किताबी पढाई ना की हो, लेकिन वो न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं, कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले वो विपक्ष में रहते हुए उपनेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं।

इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
छत्तीसगढ के बघेल सरकार में मंत्री बनने वालों में टीएस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, प्रेम साय सिंह, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, रुद्र गुरु, उमेश पटेल, अनिला भेड़िया, जय सिंह अग्रवाल और कबासी लखमा शामिल हैं, 15 साल के बाद प्रदेश में कांग्रेस की जबरदस्त वापसी हुई है।