घर के मेन डोर पर तुरंत बनाएं ये दो निशान, आपकी सारी परेशानियां होंगी बाहर, अंदर नहीं आएगी नेगेटिविटी
आपके घर का मुख्य द्वार आपकी सारी परेशानियों का हल है । अपने घर की सारी मुश्किलों को दूर करने के लिए एक उपाय अपनाएं, वास्तु की ओर से दी जा रही ये सलाह बहुत काम की है ।
New Delhi, Dec 26 : क्या आप जानते हैं वास्तु का क्या महत्व है । अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं वास्तु अर्थात किसी भी चीज की एक सही दिशा और दशा । वो जगह जहां से वह वस्तु आपको उसका पॉजिटिव दे ना कि नेगेटिव । वस्तु निर्जीव ही क्यों ना हो, लेकिन उसमें से प्रकाश और घ्वनि का आवागमलन ही उसे आपके लिए सकारातमक या नकारात्मक बनाता है । ऐसे में वास्तु शास्त्र वो विधा है जो किसी भी चीज वास्तु शास्त्र या वास्तु विज्ञान हमें सकारात्मक एवं नकारत्मक ऊर्जा की महत्ता के बारे में समझाता है। सकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से घर में खुशहाली आती है वहीं अगर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगे तो दुख और बीमारियां फैलती हैं। आपको बताते हैं वो एक उपाय जो आपके घर को हमेशा पॉजिटिव एनर्जी से भर देगा ।
घर का प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र की एक ट्रिक के अनुसार अगर आप किसी नए घर में या अनजान घर में नवजात शिशु को लेकर जाएं और वह बच्चा घर के मुख्य द्वार से अंदर जाते ही रोने लगता है, तो समझ जाएं कि घर पर वास्तु दोष का साया है। इसका उपाय क्या है, घर के प्रवेश द्वार से ही इसका उपाय किया जा सकता है । जिस घर पर नकारात्मक ऊर्जाओं का साया हो वहां ये उपाय बहुत काम आते हैं ।
मुख्य द्वार पर बनावाएं पवित्र निशान
जिन घरों में नकारात्मकता का वास होता है ऐसे घर के सदस्य निराशा, उदासी और दुख से भरे हुए होते हैं । बीमारियां भी इस घर के सदस्यों को जकड़ लेती है । इनसे छुटकारा पाने का उपाय है घर के मुख् द्वार पर स्वास्तिक का निशान बनवाना । वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख द्वार बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस द्वार की दिशा और रंग का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इसी दिशा से घर में अच्छी या बुरी ऊर्जा का प्रवेश होता है।
जरूर करें ये प्रयोग
अगर आपको लगे कि घर या ऑफिस में किसी प्रकार का कोई वास्तु दोष है तो प्रवेश द्वार पर दोनों तरफ ॐ या स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। संभव हो तो ये चिह्न सिंदूर के प्रयोग से बनाएं अन्यथा आप बाजार से ॐ या स्वास्तिक चिह्न के स्टीकर लाकर भी चिपका सकते हैं। इन दो चिह्नों को वास्तु विज्ञान के अनुसार पवित्र माना गया है। इनकी उपस्थिति में नकारात्मक ऊर्जा पास नहीं आती और दूर से ही अपना रास्ता बदल लेती है। इसके अलावा एक और बात का ध्यन रखें, जब भी घर का प्रवेश द्वार बनवाएं तो वह अंदर की ओर ही खुलना चाहिए। बाहर की ओर खुलने वाला दरवाजा वास्तु के मतानुसार खुलते ही अपने साथ खुशियों को बाहर ले जाता है।