इस वजह से 48 घंटे बाद भी नहीं हो सका कमलनाथ के मंत्रियों में विभागों का बंटवारा, सिंधिया जिद पर अड़े

ज्योतिरादित्य होम और ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री अपने खास तुलसी सिलावट को दिलाना चाहते हैं, जबकि सीएम कमलनाथ की पसंद राजपुर विधायक बाला बच्चन हैं।

New Delhi, Dec 27 : एमपी सरकार में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है, मंत्रियों के शपथ ग्रहन के 48 घंटे के बाद भी उनके पोर्टफोलियो पर मंथन जारी है, बुधवार सुबह से देर रात तक इस पर मुलाकातों का दौर जारी रहा, बताया जा रहा है कि कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच फाइनेंस, होम तथा ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को लेकर पेंच फंसा हुआ है, ये मामला अब पार्टी हाईकमान के पास पहुंच चुका है।

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सीएम और सिंधिया की पसंद जुदा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान के कहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम पद पर ज्यादा जिद नहीं की, जिसके बाद कमलनाथ की ताजपोशी की गई, लेकिन अब सिंधिया अपने गुट के लिये डिप्टी सीएम पद हासिल करने पर अड़े हुए हैं, होम मिनिस्ट्री को लेकर सिंधिया गुट ने अहमद पटेल से बात की है, उम्मीद की जा रही है कि विभाग बंटवारे में भी अहमद पटेल की भूमिका अहम होगी।

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सिंधिया अपने लोगों के लिये चाहते हैं अहम विभाग
ज्योतिरादित्य होम और ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री अपने खास तुलसी सिलावट को दिलाना चाहते हैं, जबकि सीएम कमलनाथ की पसंद राजपुर विधायक बाला बच्चन हैं, अनुभव और वरिष्ठता का हवाला देते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गोविन्द सिंह को होम मिनिस्ट्री दिलाने पर अड़े हैं, इसके साथ ही दिग्गी राजा अपने बेटे जयवर्धन सिंह के लिये फाइनेंस मिनिस्ट्री की मांग कर रहे हैं।

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दिग्विजय सिंह ने दिया है सुझाव
सूत्रों का दावा है कि प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंत्रिमंडल गठन से पहले सुझाव दिया है कि मंत्री और राज्यमंत्री के बीच काम के बंटवारे के बीच विकास कार्यों में देरी होती है, इसलिये मंत्री ही विभाग के सर्वेसर्वा हो, ताकि कोई भी काम आसानी से हो सके, सीएम कमलनाथ ने भी कुछ इसी तरह के संकेत दिये हैं कि मिनिस्ट्री सीएम ऑफिस नहीं बल्कि मंत्री चलाएंगे।

देरी की वजह है ये उलझनें
सूत्रों का कहना है कि सीएम ने विभाग बंटवारे को लेकर देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की, मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को देखते हुए दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया, सीएम ने उनके साथ भी सभी पहलुओं पर लंबी बातचीत की, कमलनाथ का साफतौर पर कहना है कि अगर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है, तो उन्हें सीएम के तौर पर फ्री हैंड मिलना चाहिये।