मोदी को लेकर सोशल मीडिया पर भिड़े आशुतोष और सरदाना, झन्नाटेदार जवाब से बोलती बंद

स्टार एंकर ने लिखा मीडिया रेंगने नहीं लगा है आशुतोष जी, पत्रकारों में भी बरसों से चले आ रहे एकतरफा नैरेटिव और मठाधीशी को चुनौती देने वाली पीढी खड़ी हो गई है।

New Delhi, Jan 09 : पीएम मोदी के 2019 के पहले इंटरव्यू का ना सिर्फ सियासी हलकों में चर्चा हुई, बल्कि मीडिया में भी इसे लेकर तरह-तरह की बातें की गई, इस इंटरव्यू को लेकर राहुल गांधी से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने निशाना साधा, तो दो नामचीन पत्रकार सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से भिड़ गये, हालांकि दोनों के बीच मर्यादित शब्दों में बहस हुई और दोनों ने एक-दूसरे शाब्दिक बाणों से घायल किया।

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सोशल मीडिया पर आशुतोष और सरदाना के बीच बहस
आजतक न्यूज चैनल के स्टार एंकर रोहित सरदाना और पत्रकार से नेता बनकर वापस पत्रकारिता में लौटने वाले आशुतोष के बीच सोशल मीडिया पर इस इंटरव्यू को लेकर बहस हुई, दोनों ने एक-दूसरे पर शब्दों का बाण चलाया, अच्छी बात ये रही कि दोनों ने मर्यादाओं का पूरा ख्याल रखा और सार्थक बहस करने की कोशिश की ।

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आशुतोष ने लिखा लेख
स्मिता प्रकाश द्वारा किये गये इस इंटरव्यू पर एडिटर्स गिल्ड और कुछ पत्रकारों की अतिसक्रियता पर आशुतोष ने लेख के माध्यम से हमला बोला, उन्होने अपने लेख का शीर्षक क्या झुकने के लिये कहा गया, तो रेंगने लगा है मीडिया दिया। कुछ पत्रकारों को ये लेख नागवार गुजरा, जिसमें रोहित सरदाना का भी नाम शामिल है, उन्होने ट्वीट करते हुए आपत्ति दर्ज कराई और अपने विचार सामने रख दिये।

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रोहित सरदाना ने क्या लिखा
स्टार एंकर ने लिखा मीडिया रेंगने नहीं लगा है आशुतोष जी, पत्रकारों में भी बरसों से चले आ रहे एकतरफा नैरेटिव और मठाधीशी को चुनौती देने वाली पीढी खड़ी हो गई है, इसलिये कुछ लोगों को बुरा लगने लगा है। सरदाना के विचारों का जवाब देते हुए आशुतोष ने भी ट्वीट किया फिर दोनों के बीच ट्विटर पर ही बहस शुरु हो गई।

एक-दूसरे को दिये जवाब
सरदाना को जवाब देते हुए आशुतोष ने लिखा कि रोहित भाई की राय से पूरी तरह सहमत हूं, कि नई पीढी नया नैरेटिव लेकर आती है, तो पुरानी पीढी को तकलीफ होती है, मेरी छोटी सी जिज्ञासा है, कि नई पीढी के नैरेटिव में मोदी-शाह से सवाल पूछना है, या रोज राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा करना है, इस पर सरदाना ने लिखा निश्चित सवाल पूछे जाते हैं, मोदी-शाह से ज्यादा मीडिया ट्रायल राहुल गांधी का हुआ हो तो बताइये, बाकी रही स्मिता प्रकाश जी के इंटरव्यू की बात तो बगल में हंटर रख के तो सवाल नहीं किये जा सकते, सवाल पूछने वाले सिर्फ सवाल पूछ सकते हैं, जवाब देने वाले की मर्जी है कि वो अपने तरीके से जवाब दे।