आरक्षण बिल – विपक्ष के लिये आगे कुंआ पीछे खाई वाली स्थिति, संसद में पीएम की कमी खली

प्रश्न यह भी है कि अगर चुनाव की दस्तक न होती तो यह सामान्य वर्ग को आरक्षण और संविधान संशोधन बिल न कभी पेश होता , न पास होता ।

New Delhi, Jan 10 : राज्य सभा की दस घंटे की बहस में सामान्य वर्ग के लिए दस प्रतिशत का आरक्षण बिल और इस बाबत संविधान संशोधन आखिर पास हो गया । न कोई बेल में गया , न किसी ने शोर मचाया । किसी ने बहस को डिरेल नहीं किया । आज लगा कि हम राज्य सभा की बहस देख रहे हैं । अलग बात है कि सत्ता पक्ष के आगे समूचा विपक्ष ऐसे खड़ा था जैसे कसाई के आगे गाय। साबित हुआ कि इन सारे चोरों की प्राथमिकता में देश नहीं सिर्फ़ और सिर्फ़ वोट और सत्ता है ।

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साबित यह भी हुआ कि दिखावे के लिए ही सही सवर्ण भी एक वोट बैंक है और कि यह सारे चुनावी चोर सवर्ण वोट बैंक से डरते हैं । तो महिला आरक्षण और तिहरा तलाक जैसे तमाम बिल इस लिए फंस जाते हैं कि इन मसलों पर यह चुनावी चोर इन स्त्रियों की आह से नहीं डरते।

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प्रश्न यह भी है कि अगर चुनाव की दस्तक न होती तो यह सामान्य वर्ग को आरक्षण और संविधान संशोधन बिल न कभी पेश होता , न पास होता । कांग्रेस क्रेडिट लेते हुए कह रही है कि हम इस बिल से सहमत नहीं थे फिर भी हम ने पास करवाया । मनमोहन सिंह बोले नहीं , पर वोटिंग के समय उपस्थित थे । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थित खली जैसे राफेल पर बकैती करने वाले राहुल गांधी की अनुपस्थिति कल लोकसभा में खली थी । लोग मनोरंजन से महरूम हो गए थे ।

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लालू यादव के पेरोल पर मनोज झा की झुनझुना वाली मदारीगिरी भी खूब थी । आम आदमी के संजय सिंह ने भी क्रांति बघारी । चिदंबरम भी उपस्थित पर बोले नहीं । न एंटोनी , न जया बच्चन । सतीश मिश्रा अच्छा बोले और रविशंकर भी । आदत के मुताबिक रामगोपाल यादव समर्थन की घोषणा कर , जहर ही उगलते रहे । बहुत से लोग बहस में थे , वोटिंग से लेकिन अनुपस्थित रहे । अमित शाह अभिभावक की तरह उपस्थित रहे । कल लोकसभा की तरह अठावले आज राज्यसभा में भी तुकबंदी कर मोदी की चंपूगिरी करते रहे । राम विलास पासवान भी । उपसभापति हरिवंश की शार्पनेस और शालीनता सचमुच आनंददायी रही । बहस तो चुनाव तक जारी रहेगी ही , लेकिन किस के लिए फलदायी साबित होगा यह बिल , होगा भी कि नहीं , चुनाव बाद देखना दिलचस्प होगा ।

(वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)