अखिलेश सरकार के जाते ही बी चंद्रकला ने लिया था बड़ा फैसला, फैसले से उठ रहे हैं कई सवाल

योगी सरकार के आते ही बी चंद्रकला के दिल्ली में काम करने के फैसले की खूब चर्चा हो रही थी, हालांकि 2018 में वो वापस यूपी लौटी।

New Delhi, Jan 10 : खनन घोटाले के आरोपों में घिरी अधिकारी बी चंद्रकला इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है, कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सुर्खियां बटोरने वाली अधिकारी पर खुद करप्शन के आरोप लग रहे हैं, पिछले दिनों ये बात बेहद चर्चा में रही, कि यूपी में अखिलेश सरकार के विदाई के बाद योगी सरकार के आते ही चंद्रकला ने अपने तबादले की कवायद शुरु कर दी थी, आइये विस्तार से बताते है कि आखिर क्या है पूरा मामला ।

Advertisement

यूपी से दिल्ली आना चाहती थी चंद्रकला
आपको बता दें कि आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला सपा सरकार के दौरान यूपी के हमीरपुर, बुलंदशहर, मेरठ समेत 5 जिलों में डीएम रही, लेकिन जैसे ही यूपी में अखिलेश सरकार की विदाई हुई, तो उन्होने नई सरकार के आते ही अपने लिये दिल्ली में प्रतिनियुक्ति मांग ली। चंद्रकला का 31 मार्च 2017 को मेरठ से दिल्ली तबादला हो गया, जहां उन्होने स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक का पद संभाला था, फिर वो साध्वी निरंजन ज्योति की निजी सचिव बनीं।

Advertisement

फिर लौटी यूपी
योगी सरकार के आते ही चंद्रकला के दिल्ली में काम करने के फैसले की खूब चर्चा हो रही थी, हालांकि 2018 में वो वापस यूपी लौटी, माध्यमिक शिक्षा विभाग में विशेष सचिव का चार्ज लेने के बाद ही वो स्टडी लीव पर चली गई। कहा जाता है कि बिजनौर और हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए उन पर कई आरोप लगे, हमीरपुर में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद समेत कुल दस लोगों पर अवैध खनन के सौदों का आरोप है।

Advertisement

अवैध खनन चलता रहा
जब वो बिजनौर की डीएम थी, तो उस दौरान जिले में कोई पट्टे नहीं काटे गये, और अवैध खनन भी जारी रहा, नजीबाबाद, नगीना, कालागढ समेत जिले की जितनी भी नदियां हैं, उनमें लगातार खनन चलता रहा, कहा जाता है कि यहां प्रशासन के नाक के नीचे रात में खनन का काम होता था, सपा से जुड़े लोगों पर आरोप भी लगते रहते, लेकिन अधिकारी आंख मूंदे रहे।

मीट प्लांट शुरु करवाया
फिर सहसपुर स्थित एक बंद पड़ी मीट प्लांट को चलवाने का भी मामला सुर्खियों में रहा था, पूर्व एमएलए लोकेश चौहान ने इसे बंद कराया था, जिसे जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने फिर से शुरु करवा दिया, जिसके बाद उनके फैसले पर उंगलियां उठी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच में जुटी सीबीआई ने 5 जनवरी को आईएएस बी चंद्रकला के अलावा अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की है।