मकर संक्रांति 2019 पर बन रहा है ये विशेष योग, इस मंत्र के जाप से सूर्य देव होंगे प्रसन्न

मकर संक्रान्ति का त्‍यौहार हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना गया है, इस पर्व के साथ ही शुरू हो जाते हैं हिंदुओं के मांगलिक कार्य । आगे जाने इस बार क्‍या विशेष संयोग बन रहा है और आपके लिए कौन सी खास सलाह ।

New Delhi, Jan 11 : सूर्य का मकर राशि में गोचर, यहीं है मकर संक्रान्ति का पर्व । सूर्य का ये राशि परिवर्तन बहुत ही शुभ माना जाता है । हिंदू धर्म सूर्य ऊर्जा के स्रोत माने गए हैं, उनकी पूजा आराधना से व्‍यक्ति का समाज में नाम होता है, सम्‍मान होता है, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है । सूर्य देवता को पृथ्‍वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करने वाला माना गया है, मकर संक्रांति के दिन उन्‍हीं सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है ।

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विशेष योग
हिंदू धर्म के मुख्‍य त्‍यौहारों में से एक मकर संक्रांति का पर्व इस बार एक खास योग के साथ मनायाजाएगा । इस बार मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जायेगा । ये बहुत ही शुभ संयोग है, इस योग में स्‍नान, ध्‍यान, दान सभी का बहुत महत्‍व है । मकर संक्रांति के पर्व के साथ शुरू होती है पुण्‍य समय काल की, इससे पहले जो भी मांगलिक कार्य रुके होते हैं उनकी शुरुआत होती है ।

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मलमास की समाप्ति
मकर संक्रांति पर सूर्य के मकर राशि में आने से मलमास की समाप्ति होती है । इस दिन के बाद से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी । आपको बता दें सूर्य जब मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में सूर्य रहता है, तब ये ग्रह उत्तरायण होता है ।  जब सूर्य शेष राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब दक्षिणायन होता है ।  

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पूजा का विशेष महत्‍व
मकर संक्रान्ति के दिन पूजा आदि का विशेष महत्‍व है । इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्‍नान अवश्‍य करें । यदि आप किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्‍नान नहीं कर पा रहे हैं तो कोई बात नहीं आसपास जो भी पानी का स्रोत हो वहीं स्‍नान कर लें, स्‍नान के जल में तिल जरूर मिलाएं, पुण्‍य फल की प्रोप्ति होगी । स्नान के बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और चावल डालकर सूर्य को जल चढ़ाएं । मंदिर में गुड़ और काले तिल का दान करें. ये शुभ होता है । भगवान को गुड़-तिल के लड्डू का भोग लगाएं और भक्तों को प्रसाद वितरित करें ।

आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें
ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है । क्‍योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं  इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है । ऐसे में अगर भाषा और उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें क्योंकि यह एक बहुत फलदायी मंत्र है, इसे पढ़ने से आपको आत्‍मशांति की प्राप्ति होगी और जीवन में आने वाली मुश्किलें दूर होंगी । इसके साथ ही सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम: का जाप 108 बार करें, बहुत लाभ होगा ।